…पर भाजपाइयों को ‘प्रहलाद’ नहीं आए रास !

गाजीपुर। आखिर डीएम के स्टोनो की जिम्मेदारी प्रहलाद यादव को छोड़नी ही पड़ी। पहली जुलाई को उन्हें कलेक्ट्रेट स्थित सचिवालय से अटैच कर दिया गया। उनकी जगह आरटीआई के रमेशचंद्र पाल की तैनाती की गई है।

प्रहलाद यादव को डीएम के स्टोनो के काम का लंबा अनुभव है। हालांकि वह अन्य अधिकारियों के भी स्टोनो रहे हैं। प्रदेश की पूर्ववर्ती सपा सरकार में फिर से उनको डीएम का स्टोनो रहने का मौका दिया गया और तब से वह यह काम देख रहे थे लेकिन अपनी सरकार आने के बाद कुछ भाजपाइयों को प्रहलाद खटकने लगे थे। इसके लिए वह कई बार अपने आकाओं को उकसाते भी रहे। वावजूद प्रहलाद अपनी काबिलियत से यथावत बने रहे। इसी बीच उन भजपाइयों को मौका मिल गया। प्रहलाद पर धुर विरोधी सपा का मुलम्मा चढ़ाने में कामयाब हो गए। प्रहलाद के विरुद्ध यहां तक कहा गया कि वह सांसद अफजाल अंसारी के खैरख्वाह हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं की शिकायती फाइलों को भी दबा देते हैं। चर्चा है कि इन गंभीर आरोपों को भाजपा के बड़े नेताओं ने गंभीरता से लिया और प्रहलाद को डीएम के स्टोनो से हटा कर सचिवालय में भेज दिया गया।