जिसे अपना मानकर सबको ठुकराया, उसी ने ठुकरा दिया जीना…! प्रेम विवाह की परिणति बनी फांसी की लाश

गाजीपुर : सैदपुर थाना क्षेत्र के खानपुर गजाधरपुर गांव में रविवार सुबह एक ऐसा दृश्य सामने आया, जिसने हर संवेदनशील दिल को झकझोर कर रख दिया।
25 साल की प्रीति, जिसने चार साल पहले अपने मां-बाप की इच्छा के विरुद्ध जाकर प्रेम विवाह किया था, अब अपने ही कमरे में फंदे से लटकी मिली। जिस घर को उसने अपने सपनों का महल समझा था, उसी घर की दीवारें आज उसकी चीखें सुन रहीं थीं।
4 साल पहले प्रीति ने लुधियाना में काम करने वाले सोनू से प्रेम विवाह किया था। बिना दहेज, बिना तामझाम, सिर्फ प्यार के नाम पर। लेकिन समय बीता और प्यार पर शिकवे हावी होने लगे। दो बच्चे – एक 3 साल का बेटा चुन्नू और 1 साल की बेटी लाडो – इस रिश्ते की निशानी बने, लेकिन वह भी प्रीति की दुनिया को सहेज नहीं सके।
शनिवार की रात, पति सोनू ने प्रीति के भाई पिंटू को फोन कर कहा –
“प्रीति को मायके ले जाओ।”
पिंटू ने पूछा – क्यों?
लेकिन जवाब नहीं मिला, बस खामोशी मिली।
अगली सुबह, जब प्रीति अपने कमरे से बाहर नहीं निकली, तो उसकी सास पियासी देवी और देवर सुनील ने दरवाजा खटखटाया। कोई आवाज नहीं आई। रोशनदान से झांका गया तो होश उड़ गए – प्रीति साड़ी के फंदे से लटकी थी।
थाना अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा –
- गला कसने से दम घुटना बताया गया है मौत का कारण।
- फांसी साड़ी के सहारे लगाई गई।
- शरीर पर संघर्ष या चोट के कोई निशान नहीं पाए गए।
- विसरा को जांच के लिए लैब भेजा गया है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि कहीं ज़हर या नशीले पदार्थों का सेवन तो नहीं हुआ था।
- अब सवाल यह है –
क्या प्रीति की मौत आत्महत्या थी या किसी दबाव में उठाया गया कदम?
क्या जिस प्यार के लिए उसने माँ-बाप को छोड़ा, वही उसकी मौत की वजह बना?
और अब – उसके मासूम बच्चों का क्या कसूर?
प्रेम विवाह: जीत थी या भूल…?
जिस रिश्ते को प्रीति ने सबकुछ मान लिया, उसी ने उससे सब कुछ छीन लिया।
प्रीति की खामोश मौत अब गूंज रही है – हर उस बेटी के लिए जो प्यार के नाम पर अपना सब कुछ दांव पर लगा देती है। क्या उसे मिला सच्चा प्यार, या सिर्फ एक धोखा…?