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खाद्य सुरक्षा भत्ताः बीएसए सख्त, लापरवाह कुल 11 एबीएसए का रोके वेतन

गाजीपुर। परिषदीय स्कूलों में बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता के मामले में गाजीपुर फिसड्डी है। बीएसए श्रवण कुमार इसके लिए कुल 11 एबीएसए को जिम्मेदार माने हैं और अगले आदेश तक के लिए उनके वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है। बीएसए ने साफ कहा है कि जब तक खाद्य सुरक्षा भत्ता शत-प्रतिशत बच्चों को उपलब्ध नहीं होगा तब तक उनका वेतन भुगतान लंबित रहेगा।

बीएसए की ओर से बीते तीन अक्टूबर को जारी इस आशय के आदेश में बाराचवर, भदौरा, बिरनो, मनिहारी, मरदह, मुहम्मदाबाद, सैदपुर, रेवतीपुर, जमानियां, जखनियां और नगर के एबीएसए शामिल हैं।

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मालूम हो कि मार्च के अंतिम सप्ताह में लॉकडाउन लगा और उसके बाद ग्रीष्मावकाश हो गया। सरकार ने निर्देश दिया कि बच्चों को 24 मार्च से 30 जून के बीच शैक्षिक दिवस के मध्याह्न भोजन का खाद्यान्न और कन्वर्जन मनी उपलब्ध कराई जाए। इस अवधि में साप्ताहिक बंदी रविवार और अन्य छुट्टियों को हटा कर कुल 76 दिन के शैक्षिक दिवस जोड़े गए। खाद्यान्न संबंधित कोटेदारों को वितरित करने को कहा गया जबकि कन्वर्जन मनी के रूप में प्राइमरी स्कूल के प्रति बच्चा 374.29 रुपये और उच्च प्राइमरी स्कूल के प्रति बच्चा 561.02 रुपये उनके पैरेंट्स के खाते में भेजा जाना है। गाजीपुर में मात्र पांच फीसद  बच्चों को खाद्यान्न तथा कन्वर्जन मनी उपलब्ध कराई जा सकी है। गाजीपुर में बच्चों की कुल संख्या करीब तीन लाख है।

…और अब सितंबर तक का देना है खाद्य सुरक्षा भत्ता

गाजीपुर। यह दुर्योग ही कहा जाएगा कि परिषदीय स्कूलों के बच्चों को जून तक के ही खाद्य सुरक्षा भत्ता का वितरण में गाजीपुर फिसड्डी चल रहा है और अब मध्याह्न भोजन अभिकरण से फरमान आ गया है कि जुलाई से सितंबर तक खाद्य सुरक्षा भत्ता वितरण किया जाए। तब हैरानी नहीं कि इसका नतीजा भी निराशजनक ही रहेगा।

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