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एसआईटी के समक्ष पेश हुए निलंबित डीपीआरओ, मय साक्ष्य दी सफाई

गाजीपुर। कोरोना किट घोटाले की जांच कर रही एसआईटी के सदस्य गाजीपुर आने की जरूरत नहीं समझे। बल्कि निलंबित डीपीआरओ अनिल सिंह को लखनऊ में तलब कर उनका पक्ष सुने।

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विभागीय सूत्रों के अनुसार एसआईटी के समक्ष निलंबित डीपीआरओ अनिल सिंह बीते 19 सितंबर को पेश हुए। उन्होंने अपनी सफाई में कई दस्तावेजी साक्ष्य भी पेश किए। बताए कि उस वक्त ग्राम पंचायतों में कोरोना किट की खरीद को लेकर शासन से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं मिला था। बावजूद तत्कालीन डीएम के आदेश पर प्रति कोरोना किट 2900 रुपये के हिसाब से ग्राम पंचायतों को वह किट उपलब्ध कराया गया था। विभागीय सूत्रों ने बताया कि एसआईटी की अब तक की जांच में पता चला है कि प्रदेश के 65 जिलों में कोरोना किट की खरीद सात हजार रुपये की दर से हुई है।

मालूम हो कि कोरोना किट में घोटाले का मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ बेहद सख्त हो गए थे। सात सितंबर को गाजीपुर व सुल्तानपुर के डीपीआरओ तत्काल प्रभानव से निलंबित कर दिए गए थे और जांच के लिए वरिष्ठ आईएएस अफसर रेणुका कुमार की अगुवाई में तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की गई।  कुछ ही दिन बाद इसी मामले में गाजीपुर के तत्कालीन डीएम ओमप्रकाश आर्य सहित सुल्तानपुर की डीएम को भी हटा दिया गया था।

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