रुपये चुकता न करने पर दोस्त बना कातिल

गाजीपुर। उधार में लिए रुपये चुकता न करने पर दोस्त ही कातिल बन गया। उसकी यह घिनौनी करतूत पुलिसिया जांच में टेक्निकल एविडेंस के जरिये सामने आई। फिर तो पुलिस के हाथ उस कातिल दोस्त के गिरेबां तक पहुंच ही गए।
किस्सा मुहम्मदाबाद कोतवाली के बासुदेवपुर गांव के भुवाल राजभर (40) के कत्ल का है। उसका शव गुरुवार की सुबह कासिमाबाद थाना क्षेत्र के गेहुड़ी गांव के पास सड़क किनारे मिला था। उसके गले पर धारदार हथियार के गहरे चोट के निशान थे। भुवाली बुधवार की रात करीब साढ़े आठ बजे आखिरी बार अपने गांव में देखा गया था। वह मजदूरी करता था। शव के पास ऐसा कोई फिजिकल एविडेंस भी नहीं मिला था जो कातिल तक पहुंचाने में पुलिस के काम आता। घरवालों ने गांव के ही एक परिवार पर शंका जताते हुए बताया कि भुवाली ने अपने नाम की जमीन उस परिवार को बेची थी लेकिन उस परिवार से जमीन बिक्री के पूरे रुपये नहीं मिले थे। बल्कि तकादा करने पर उल्टे भुवाली को धमकी मिलती थी।
पुलिस की शुरुआती छानबीन में भुवाली के घरवालों की वह शंका खारिज हो गई और इस मामले में अज्ञात के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई। जाहिर है कि यह हत्या कासिमाबाद पुलिस के लिए अबूझ पहेली बन चुकी थी। पुलिस टेक्निकल एविडेंस के जरिये कातिल तक पहुंचने की कोशिश शुरू की। मौके के बीटीएस टावर से डंप डाटा लिया गया। काफी मशक्कत के बाद एक संदिग्ध फोन नंबर की पहचान हुई। दरअसल घटना के वक्त और घटनास्थल के पास उस फोन की लोकेशन मिली। फोन के कैप से पता चला कि वह फोन भुवाली के गांव के ही अरविंद भारद्वाज का है और वह भुवाली का गहरा दोस्त है। फिर तो अरविंद भारद्वाज से पूछताछ शुरू हुई। पहले तो वह इधर-उधर की कहानी सुनाता रहा लेकिन पुलिस जब उसके सामने उसके फोन की सीडीआर सामने रख सत्यबोलक यंत्र का इस्तेमाल शुरू की तब वह टूट गया और तोते की तरह बोलने लगा। बताया कि भुवाली उसका गहरा दोस्त था। उसने जरूरी काम के बहाने उससे 23 हजार रुपये उधार लिए थे। रुपये वापस करने के नाम पर हिलाहवाली करने लगा। जब वह दबाव बनाता तो भुवाली उसके साथ गालीगलौज और मारपीट पर भी उतारु हो जाता। आखिर में आजिज आकर अरविंद ने भुवाली को सबक सिखाने की योजना बनाई। योजना के तहत पहली सितंबर की रात भुवाली को शराब पिलाने के बहाने अपनी बाइक पर बैठाया। भुवाली को लेकर वह कासिमाबाद थाना क्षेत्र के गेहुड़ी गांव के पास पहुंचा और शौच का बहाना कर बाइक रोक दिया। फिर वह अंधेरे में एक ओर चला गया। इधर भुवाली तबतक बाइक के पास ही अपने मोबाइल फोन में व्यस्त हो गया। उसी बीच अरविंद दबे पांव पीछे से आया और साथ लाए दाव से प्रहार कर उसको मौत के घाट उतारने के बाद बाइक लेकर अकेले घर लौट गया था।
पुलिस कप्तान डॉ. ओमप्रकाश सिंह ने गिरफ्तार अरविंद भारद्वाज को अपने ऑफिस में दोपहर मीडिया के सामने पेश किया। उन्होंने साफ कहा कि इस मर्डर का बेस्ट इंवेस्टिगेशन
का ही रिजल्ट है कि असल कातिल गिरफ्त में आया। उन्होंने इसके लिए एसएचओ कासिमाबाद श्यामजी यादव और उनकी टीम को शाबाशी देते हुए अपनी ओर से दस हजार रुपये नकद इनाम देने की भी घोषणा की। बताए कि घटना में प्रयुक्त बाइक तथा दाव के अलावा अभियुक्त के रक्तरंजित कपड़े भी बरामद हुए हैं।