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किशोरी के हमलावर ने जेल में लगाई फांसी

गाजीपुर। जिला जेल में कैदी नंदकिशोर तिवारी (32) ने फांसी लगा ली। घटना गुरुवार की देर शाम करीब सात बजे की है। नंदकिशोर सादात थाने के डढ़वल गांव का रहने वाला था। गांव की ही एक किशोरी पर जानलेवा हमले में वह जेल में था।

जेल सुपरिटेंडेंट के मुताबिक उस कैदी को बैरक तीन में रखा गया था। बैरक से लगभग सटे निष्प्रयोज्य पाठशाला है। उसमें ईंट की जाली में बैग की बेल्ट बांध कर उसका फंदा बनाया और उसमें झूल गया। उसी बीच अन्य कैदियों की उस पर नजर पड़ी। जेल कर्मी फंदे से उतार कर उसे जेल अस्पताल पहुंचाए लेकिन नाजुक हालत को देखते हुए उसे जिला अस्पताल भेजा गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। उसका दम टूट चुका था। इस घटना को लेकर जेल से बाहर आई खबर के मुताबिक नंदकिशोर कई दिनों से अवसाद में था।

उधर उसके स्वजनों ने बताया कि उन्हें रात दस बजे सादात पुलिस ने सूचना दी कि नंदकिशोर की जेल में तबीयत बिगड़ गई है। जब वह थाने पर पहुंचे तो सुबह स्पष्ट जानकारी देने की बात कह उन्हें टरका दिया गया।

नंदकिशोर ने अपने गांव की किशोरी पर बीते 23 जनवरी की सुबह धारदार हथियार से हमला किया था। तब किशोरी सहेली संग शौच के लिए घर से निकली थी। घटना के अगले ही दिन 24 जनवरी को वह गिरफ्तार भी हो गया था। नंदकिशोर उस किशोरी को ट्यूशन पढ़ाता था। उसके पहले वह खाड़ी देश में काम करता था। किशोरी के घरवालों के मुताबिक एकतरफा प्रेम में असफल होने के बाद उसने वह हमला किया था जबकि नंदकिशोर के स्वजनों का कहना था कि किशोरी उसे अपने प्रेमजाल में फंसाना चाहती थी। यहां तक कि उसी बीच एक बार उसकी शादी तय हुई लेकिन किशोरी उसे काट दी। दोबारा शादी तय हुई तो किशोरी फिर उसे काटने की धमकी दी थी। उसी खुन्नस में वह किशोरी पर हमला किया था।

मालूम हो कि उस घटना को लेकर सियासतदानों ने खूब हो हल्ला किया था। योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर के अलावा सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर तथा सपा की पूर्व सांसद, विधायक की टीम भी डढ़वल गांव पहुंची थी और योगी सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराए थे।

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