सपा गठबंधनः सदर के साथ ही सैदपुर सीट भी अटकी !

गाजीपुर। सपा गठबंधन में गाजीपुर की सदर के साथ ही सैदपुर सीट भी अटक गई है ! इसको लेकर सपाइयों में बेचैनी बढ़ रही है। आम सपाई सदर तथा सैदपुर सीट गठबंधन के किसी अन्य घटक को छोड़ने के पक्ष में कतई नहीं हैं।
गाजीपुर के आम सपाई मान रहे हैं कि यह दोनों सीट उनकी परंपरागत हैं और अबकी यहां पार्टी की जीत पक्की है। बल्कि पार्टी में सदर सीट के प्रमुख दावेदार पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह, पूर्व विधायक उमाशंकर कुशवाहा तथा पूर्व प्रत्याशी राजेश कुशवाहा तो लखनऊ में ही कैंप कर रहे हैं। इधर उनके लोगों ने नामांकन पत्र खरीद कर जरूरी कागजी कार्यवाही तक पूरी कर ली है। ताकि अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद पार्टी मुख्यालय से प्राप्त एबी फॉर्म नत्थी कर नामांकन पत्र जमा करना भर रह जाए। नामांकन की आखिरी तारीख 17 फरवरी है।
हालांकि सैदपुर सुरक्षित सीट पर सपा पहले ही अपने जिला पंचायत सदस्य अंकित राम का नाम बतौर घोषित कर चुकी है। चर्चा है कि वह सोमवार को अपने नामांकन की पूरी तैयारी भी लिए थे। लखनऊ से मिल रही खबर के मुताबिक गठबंधन में गाजीपुर की सदर तथा सैदपुर सीट को अटकाने के पीछे गठबंधन की घटक जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) है। उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.संजय चौहान एकदम से अड़ गए हैं कि यह दोनों सीट किसी भी सूरत में उनके लिए छोड़ी जाए। यहां तक कि सदर सीट के लिए उन्होंने राजनीति के एक बिल्कुल नौसिखिए और नए धनपति का नाम भी तय कर लिया है। वैसे देखा जाए तो इसके पहले जनवादी पार्टी का इन दोनों सीटों पर कभी कोई राजनीतिक असर नहीं दिखा। बावजूद पार्टी यह दोनों सीटें मांग रही है तो तय है कि यहां वह अपना ‘शुभ-लाभ’ देख रही है।
…और मेहनगर सुभासपा अटकाई !
पेंच में फंसी सपा गठबंधन की कुल 34 विधानसभा सीटों में एक आजमगढ़ की सुरक्षित सीट मेहनगर भी है। चर्चा है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव उस सीट पर हाल ही में साथ आए सेवानिवृत्त नौकरशाह कुंवर फतेह बहादुर सिंह को लड़ाना चाहते हैं लेकिन गठबंधन के मुख्य घटक सुभासपा उस सीट को अपने खाते में लेने के लिए दबाव बना रही है।