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सपाः सारे नेता 25 को ‘हेडक्वार्टर’ तलब

गाजीपुर। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव गाजीपुर के जिला नेतृत्व समूह पर बेहद गरम हैं। 25 जून की सुबह दस बजे सबको लखनऊ तलब किए हैं। मामला जिला पंचायत में संख्या बल के बावजूद चेयरमैन चुनाव में पार्टी के पिछड़ने का है।

पार्टी मुखिया की इस गरम मिजाजी की वजह भी है। एक तो जिला पंचायत में पहली बार पार्टी से जुड़े सर्वाधिक 25 सदस्य पहुंचे हैं। दूसरा यह कि लगातार ढाई दशक से चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज रहने के बाद इस बार पार्टी की बेदखली के हालात बन गए हैं। पार्टी सूत्रों की मानी जाए तो अखिलेश यादव ने अपने अन्य स्रोतों से गाजीपुर में चल रही पार्टी की ‘सियासत’ का फीडबैक लिया है। फिर दस जून को लखनऊ पहुंचे पार्टी उम्मीदवार कुसुमलता यादव के पति मुकेश यादव से अकेले में मिलकर गाजीपुर के एक-एक नेताओं की भूमिका के बाबत पूछे। उसके बाद ही उन्होंने गाजीपुर के सारे अगुवा लोगों को तलब करने का फैसला लिया।

पार्टी मुखिया के इस तल्ख तेवर से गाजीपुर के नेताओं के पसीने छूट रहे हैं। दरबार में न सिर्फ जिला संगठन के पदाधिकारियों के अलावा मौजूदा सहित पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, जिला पंचायत के नवनिर्वाचित सदस्यों तक को हाजिर होना है। इस बाबत ‘हेड क्वार्टर’ खुद नवनिर्वाचित सदस्यों से फोन के जरिये संपर्क में है। दरअसल पार्टी मुखिया तक यह बात पहुंच चुकी है कि गाजीपुर के नेतागण जिला पंचायत चेयरमैन चुनाव में पार्टी के अभियान को लेकर कतई गंभीर नहीं हैं। यहां तक कि बल्कि कुछ तो ‘दोहरी’ भूमिका में हैं। दिखावे के लिए वह पार्टी उम्मीदवार कुसुमलता यादव के साथ हैं लेकिन हकीकत में वह प्रतिद्वंद्वी खेमे से सौदेबाजी कर चुके हैं।

माना जा रहा है कि हेड क्वार्टर में पेशी के वक्त जिला नेतृत्व समूह की भूमिका पर भी सवाल उठेंगे। यही कि प्रदेश नेतृत्व के निर्देश के बाद भी जिला पंचायत सदस्य चुनाव के वक्त चयन टिकट बंटवारे के लिए चयन समिति की बैठक बुलाने की जरूरत क्यों नहीं समझी गई। चेयरमैन की संभावित उम्मीदवारों को जिला नेतृत्व ने सदस्य चुनाव में टिकट देना क्यों नहीं जरूरी समझा गया। पार्टी के ‘जीताऊ’ की अनदेखी कर वहां कमजोर उम्मीदवार देने की जरूरत क्यों समझी गई और जहां फ्री फाइट की नौबत थी, वहां उम्मीदवारी अधिकृत करना क्यों जरूरी समझा गया।

बहरहाल, सपा मुखिया के इस तरह सीधे दखल देने से जिला पंचायत चेयरमैन का चुनाव पार्टीजनों खासकर यदुवंशियों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। यह भी वक्त ही बताएगा कि कहीं अन्यत्र ‘उपकृत’ हो चुके जिला पंचायत के नवनिर्वाचित यदुवंशी सदस्य सपा का साथ देंगे कि अपने ‘उपकारी’ के साथ रहेंगे जबकि यह भी तय है कि यह चुनाव विधानसभा चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं में दम भरेगा। शायद इसका एहसास सपाजनों को न हो लेकिन भाजपा को इसका अंदाजा है। यही वजह है कि वह गाजीपुर सहित प्रदेश भर के जिला पंचायतों के चेयरमैन चुनाव में पूरा दमखम लगा रही है।

यह भी पढ़ें–सपाः ‘सुप्रीम’ फैसला !

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