वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिनानाथ शास्त्री नहीं रहे

भांवरकोल (गाजीपुर)। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दीनानाथ शास्त्री (80) अब नहीं रहे। कनिष्ठ पुत्र अजय राय के पत्रकारपुरम वाराणसी स्थित आवास पर मंगलवार की शाम करीब तीन बजे उनकी हृदय गति रुक गई। अंत्येष्टि वाराणसी में ही होगी।
इधर काफी दिनों से वह हृदय तथा सांस रोग से पीड़ित थे। उनका इलाज दिल्ली के एम्स में चल रहा था। अपने ज्येष्ठ पुत्र ओमप्रकाश राय के दिल्ली स्थित आवास पर रहते थे लेकिन तीन दिन पहले ही वह वाराणसी लौटे थे। पिछले साल कोरोना से भी उनका सामना हुआ था लेकिन उसे पराजित करने में वह सफल हो गए थे।
दीनानाथ शास्त्री स्वतंत्रा आंदोलन के वक्त 18 अगस्त 1942 को मुहम्मदाबाद तहसील मुख्यालय पर तिरंगा फहराने की कोशिश में शहीद हुए डॉ.शिवपूजन राय के इकलौते पुत्र थे। मूलतः मुहम्मदाबाद तहसील के ही शेरपुर गांव के रहने वाले थे। स्पष्टवादी और सिद्धांत के पक्के श्री शास्त्री आजीवन कांग्रेसी रहे। कांग्रेस के टिकट पर गाजीपुर से लोकसभा तथा विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके थे। कभी पत्रकार के रूप में आज जैसे सम्मानित अखबार को अपनी सेवा भी दिए थे।
बीएचयू से इतिहास से एमए की डिग्री लेने वाले श्री शास्त्री की नियुक्ति शिक्षा विभाग में हुई थी लेकिन अपने मनमिजाज के चलते उन्हें वह नौकरी रास नहीं आई थी और इस्तीफा देकर आजीवन समाजसेवा के लिए समर्पित हो गए थे।
श्री शास्त्री के निधन की खबर मिलने के बाद शेरपुर कलां स्थित पैतृक आवास पर शोक व्यक्त करने वालों का तांता लग गया। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सचितानंन्द राय, पूर्व ग्राम प्रधान जयप्रकाश राय, लल्लन राय, बिद्दासागर गिरी, प़धान प़तिनिधि जयानंद राय मोनू, भोलानाथ पांडेय, सीताराम राय, सचिदानंद राय, आनंद राय एडवोकेट, सपन राय, अशोक राय, बिजेंद्र राय, बिनोद राय, प्रधान यादव, रामजी गुप्त, उपेंद्र राय,अर्जुन राय आदि लोगों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है।
वाराणसी के वरिष्ठ पत्रकार कृष्णदेव नारायण राय ने भी शोक संवेदना जताते हुए कहा-बड़े भाई दीनानाथ शास्त्रीजी का निधन मेरी व्यक्तिगत क्षति है। एक थाली में खाना किसी और जगह मुहावरा हो सकता है। मैं तो भइया के साथ महीनों एक ही थाली में खाया हूं। बनारस आते तो मुझसे मिलते जरूर थे। उनमें पढ़ने और समझने की गजब की शक्ति थी। सिद्धांतो से समझौता उन्होने सीखा ही नहीं था। दीना भइया को विनम्र श्रद्धांजलि। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।