भोजपुरी के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.अशोक द्विवेदी को साहित्य अकादमी पुरस्कार

गाजीपुर। भोजपुरी के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अशोक द्विवेदी इस वर्ष साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चयनित हुए हैं।
लगभग आठ वर्ष बाद यह पहला अवसर है कि साहित्य अकादमी की ओर से गैर मान्यता प्राप्त भारतीय भाषाओं के तहत भोजपुरी साहित्य में योगदान के लिए डॉ. द्विवेदी को यह सम्मान मिलेगा। अकादमी की इस घोषणा के बाद उनके पैतृक गांव मुहम्मदाबाद क्षेत्र स्थित सुल्तानपुर में खुशी की लहर है। पुरस्कार के रूप में उन्हें एक लाख रुपये और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया जाएगा।
एक बैंकर्स के साथ ही भोजपुरी साहित्य में अपनी सेवा देते हुए डॉ.द्विवेदी चार दशक से अपने संपादकत्व में अनवरत भोजपुरी पत्रिका पाती का प्रकाशन कर रहे हैं। उनका रचना संसार विस्तृत है। डॉ. द्विवेदी की रामजी क सुगना (निबंध संग्रह),गांव के भीतर गांव (कथा संग्रह), फूटल किरिन हजार (गीत संग्रह), बनचरी (उपन्यास), कुछ आग कुछ राग (कविता संग्रह), भोजपुरी रचना आ आलोचना, राम जियावन दास बावला, मोती बीए का रचना संग्रह जैसी महत्वपूर्ण कृतियां हैं।
डॉ. अशोक द्विवेदी को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मूलतः सुल्तानपुर गांव के ही रहने वाले बीएचयू हिंदी विभाग के सेवानिवृत्त प्रोफेसर अवधेश प्रधान ने कहा कि यह सम्मान डॉ. द्विवेदी की दीर्घ साहित्य साधना का सम्मान है। साहित्य अकादमी पुरस्कार से आज उनका गांव और क्षेत्र ही नहीं पूरा गाजीपुर और भोजपुरी भाषा गौरवान्वित हो रही है।
आइआइएमसी दिल्ली के प्रोफेसर आनंद प्रधान, धनंजय राय, चंद्रशेखर दूबे, पूर्व ग्राम प्रधान डॉ.अविनाश प्रधान, धनंजय प्रधान, राधेश्याम दूबे, डॉ.पीयूष राय आदि ने भी डॉ.द्विवेदी को साहित्य अकादमी सम्मान के लिए बधाई दी है।
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