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सादात की सियासत में माफिया संजय यादव की इंट्री रोकने की सियासी कवायद!

गाजीपुर (सुजीत सिंह प्रिंस)। सादात क्षेत्र पंचायत में ‘उत्तरी’ और ‘दक्षिणी’ ध्रुव एक हो गए! सोमवार हुए इस नाटकीय सियासी घटनाक्रम को माफिया की इंट्री रोकने की कोशिश से जोड़ कर देखा जा रहा है।

सादात क्षेत्र पंचायत की सियासत में उधर के दशकों में ‘मामा बनाम भांजा’ चला। शुरू में मामा धर्मदेव यादव का डंका बजता रहा। फिर बारी आई भांजा संतोष यादव की। संतोष के आगे धर्मदेव टिक नहीं पाए। क्षेत्र पंचायत छोड़ जिला पंचायत में खुद के लिए बड़ी सियासी संभावनाएं तलाशने में जुट गए। पिछले चुनाव में प्रमुख की सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुई तो मामा-भांजा के टकराव में कमलेश सिंह हकाड़ू खुद को तीसरा विकल्प के रूप में पेश किए। भवह आरती सिंह को प्रमुख की कुर्सी पर बैठाने में सफल भी हो गए।

इसी बीच आजमगढ़ जेल में निरुद्ध माफिया संजय यादव इलाकाई सियासत में इंट्री मारने की प्लानिंग करने लगा। मूलतः बनकटा गांव का रहने वाला संजय यादव पिछले चुनाव में खुद के बाहुबल पर आजमगढ़ के जहानागंज ब्लॉक का प्रमुख बन चुका था मगर जंगल में मोर नाचा किसने देखा। सो वह अपने गृह क्षेत्र सादात की सियासत में झंडा गाड़ने की तैयारी में जुट गया। शुरुआत के लिए जिला पंचायत की सीट तजवीजा। चुनाव की घोषणा से पहले ही अपने छोटे भाई ओंकार यादव को चुनाव अभियान में लगा दिया लेकिन आरक्षण में वह सीट चली गई तो अपनी ग्राम पंचायत बनकटा के प्रधान पद पर कब्जा जमा लिया।

इधर सादात ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हुई तो संतोष यादव और कमलेश सिंह हकाड़ू भी अपनी-अपनी गोटी बैठाने में जुट गए। उन्हीं की तर्ज पर उधर माफिया संजय यादव के लोग बतौर उम्मीदवार पूर्व मंत्री स्व.रामनाथ मुंशी की पुत्रवधू उषा सोनकर पत्नी अनिल सोनकर का झंडा-डंडा थाम लिए हैं।

जाहिर है माफिया संजय यादव की यह कवायद सादात के धर्मदेव यादव-संतोष यादव-कमलेश सिंह हकाड़ू के ‘रिआया’ में सीधी दखल है। लिहाजा यह ‘त्रिगुट’ अपने सारे पुराने शिकवा-शिकायत और मनभेद भुलाकर धर्मदेव यादव के सादात स्थित आवास पर बैठा। बैठक में संतोष यादव की उम्मीदवार पूर्व प्रमुख केवली देवी को  प्रमुख का चुनाव लड़ाने की बात सर्वसम्मति से तय हुई। बैठक में दावा किया गया कि उनके इस संयुक्त मोर्चे के साथ 75 से अधिक बीडीसी सदस्य जुड़ चुके हैं लेकिन लक्ष्य 90 से अधिक बीडीसी सदस्यों को साथ लाने का है। कुल 107 सदस्यीय सादात क्षेत्र पंचायत है। इनमें चुनाव बाद एक सदस्य का निधन हो चुका है।

बैठक में अरविंद सिंह, अनिल सिंह,  अरविंद यादव, जितेंद्र पांडेय, उत्कर्ष पांडेय, सुरेश यादव, राणा यादव, रमेश यादव, रविंद्र यादव, सहित दर्जनों की संख्या में ग्राम प्रधान व बीडीसी सदस्य मौजूद रहे। अध्यक्षता किशोर यादव ने की।

बैठक के बाद संतोष यादव ने ‘आजकल समाचार’ से बातचीत में कहा कि यह वक्त का तकाजा है कि साफ-सुथरी राजनीति, शांति और कानून-व्यवस्था में विश्वास रखने वाले इलाकाई सियासतदां एकजुट हो जाएं। जातीय समभाव, शांति और गंगा-यमुनी संस्कृति सादात की धरोहर है। इसे निरापद रखने के लिए जरूरी है और यह तभी संभव होगा जब अराजक तत्वों और जातिवादी ताकतों की घुसपैठ की कोशिश को एकजुटता से रोका जाएगा।

यह भी पढ़ें–जिला पंचायतः सैदपुर प्रथम के नतीजे को कोर्ट में चुनौती

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