पुलिस हेड कांस्टेबल ने पत्नी और संतानों पर जान लेवा हमला कर की खुदकुशी

गाजीपुर। यूपी पुलिस के हेडकांस्टेबल ने पत्नी और मासूम संतानों पर जानलेवा हमला कर खुदकुशी कर ली। यह खौफनाक घटना दिलदारनगर थाने के उसिया गांव के बाजार मुहल्ला में शनिवार की भोर में हुई। हेडकांस्टेबल मुंशी सिंह यादव (45) फतेहपुर जिले में तैनात था। हमले में उसकी पत्नी रीना देवी (38) की भी मौत हो गई जबकि दो पुत्रों तथा एक पुत्री को चिंताजनक दशा में बीएचयू ट्रामा सेंटर में दाखिल कराया गया है।
रात का भोजन कर पूरा परिवार घर की छत पर सोया था। भोर में मां की चित्कार सुन बच्चे उठ गए। बच्चों के सामने ही गड़ांसे से मंशी यादव ने पत्नी रीना पर हमला कर दिया। बच्चे शोर मचाने लगे। तब बच्चों पर भी हमला कर दिया। उसके बाद वह भाग निकला। बच्चों की चीख पुकार सुन छत पर ही सोई मुंशी के बड़े भाई मुनीब की पत्नी और अगल-बगल के लोग पहुंचे और घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस गंभीर रूप से घायल पत्नी रीना (40), पुत्री सुधा (6) पुत्र कृष्णा (2) व श्याम (7) को पुलिस जिला अस्पताल लेकर पहुंची। जहां पत्नी रीना को मृत घोषित कर दिया गया। उन्हें देखने पुलिस कप्तान डॉ.ओमप्रकाश सिंह भी अस्पताल पहुंचे थे। दोनों पुत्रों को गंभीर हालत देखते हुए वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया जबकि अन्य संतानों पुत्री नेहा (17), ऋतु (13) तथा नीतू (10) व व वर्षा का प्राथमिक उपचार गांव के ही निजी चिकितस्क के यहां कराया गया।
उधर खुद मुंशी यादव भागकर देहवल गांव के पास पहुंचा और ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर लिया। मुंशी की बड़ी पुत्री नेहा ने बताया कि पिता चर्म रोग से पीड़ित होने के बाद चिड़चिड़े हो गए थे। पत्नी रीना और संतानों को प्रायः अकारण मारते-पीटते रहते थे।
उधर सीओ जमानियां हितेंद्र कृष्ण ने भी बताया कि मुंशी यादव अपनी संतानों से खूब प्यार करता था। संभव हो कि चर्म रोग से ग्रसित होने के कारण वह अवसाद में चला गया हो और यह खौफनाक कदम उठाया हो। वह बीते जनवरी से ही घर पर था। यह पता किया जा रहा है कि पुलिस में रहकर पांच माह से घर क्यों था और फतेहपुर में उसकी तैनाती कहां थी। सीओ जमानियां के अनुसार घटना में प्रयुक्त चारा काटने की मशीन का गंड़ासा भी मौके से बरामद हो गया है।
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