पंचायत चुनाव: आरक्षण प्रक्रिया पर हाईकोर्ट की रोक

गाजीपुर। त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण प्रक्रिया पर शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक याचिका स्वीकार करते हुए रोक लगा दी। इस मामले में प्रदेश सरकार 15 मार्च को अपना जवाब दाखिल करेगी। इस बीच हाईकोर्ट के इस स्थगनादेश के क्रम में पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने सभी डीएम को चिट्ठी भेज कर आरक्षण प्रक्रिया रोकने को कहा है। मालूम हो कि पंचायतों की आरक्षण की अंतिम सूची 17 मार्च को जारी होनी थी।
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में किसी अजय कुमार ने आरक्षण प्रक्रिया पर आपत्ति करते हुए जनहित याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि पंचायतों में आरक्षण की चक्रानुक्रम व्यवस्था 1995 से शुरू हुई लेकिन 2015 में प्रदेश की तत्कालीन सरकार इस मामले में नया आदेश जारी की जबकि प्रदेश की मौजूदा सरकार नया आदेश जारी कर पंचायतों की आरक्षण प्रक्रिया 1995 के आधार पर ही कर रही है। जस्टिस ऋतुराज अवस्थी तथा मनीष माथुर की डबल बेंच ने यह याचिका स्वीकार करते हुए उस पर सुनवाई शुरू की। तब सरकार के वकील अनुराग सिंह ने अपना पक्ष रखने के लिए एक दिन की मोहलत मांगी। डबल बेंच ने उनकी अर्जी स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 15 मार्च तय कर दी।
आरक्षण प्रक्रिया पर हाईकोर्ट के स्थगनादेश से उन लोगों में एक बार फिर आस जग गई है जो आरक्षण प्रक्रिया से निराश हो चुके थे।