ब्रम्हर्षि समाज के उत्कर्ष के लिए गंभीरता से कार्य करने की जरूरतः अनंतानंद सरस्वती

भांवरकोल/गाजीपुर (जयशंकर राय)। राजगुरु मठ शिवाला काशी के स्वामी अनंतानंद सरस्वती ने ब्रम्हर्षि समाज के उत्कर्ष के लिए गंभीरता से कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
बलिया जिले का सरहदी गांव कोटवां नारायणपुर में रविवार को आयोजित कश्यप गोत्रीय किनवार सम्मान समारोह में स्वामीजी ने कहा कि इस समाज का उत्कर्ष, उत्थान तभी संभव है जब समाज के लोग इसके लिए समर्पण, तन्मयता से कार्य करेंगे। उनका कहना था कि चिंतन की शूद्रता से बाहर निकल अपने अधिकार का बोध करें। जिस दिन से ऐसा होगा, उसी दिन से समाज को नई दिशा मिलने लगेगी। उन्होंने कहा कि जब तक यह समाज अज्ञानता के चक्र में फंसा रहेगा तब तक ब्रम्हर्षि समाज का उत्थान संभव नहीं है। यह आज की जरूरत एवं समय की मांग है कि समाज के बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार भी दिया जाए। परिवार के बुजुर्गों का सम्मान हो।
समारोह को ब्रह्मर्षि समाज के कश्यप गोत्रीय किनवार के मानिंद, सामर्थ्यवान इं.अरविंद राय ने कहा कि जो समाज अपने पूर्वजों को भूल जाता है, उस समाज का इतिहास भूगोल स्वत: ही समाप्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे पुरखों का गौरवशाली इतिहास रहा है। आज इसे सहेजने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज जब अपनी पहचान सिमट रही है, ऐसे में एकजुट होकर समाज के उत्थान के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए कार्य करने की जरूरत है।
समारोह में संयोजक मुक्तिनाथ राय ने कहा कि वर्तमान परिवेश में समाज को एकता के सूत्र में पिरोने के लिए किनवार बंश के प्रत्येक गांव में संगठन को क्रार्यशील करने की आवश्यकता है। इसके लिए समाज के बुजुर्गों के संरक्षण में टीम गठित की जाए।
इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में समाज का नाम रोशन करने वाले प्रतिभाओं को अंगवस्त्रम् देकर सम्मानित किया गया। समारोह को रामबदन राय, विजयशंकर राय, द्वारिकानाथ राय, नर्वदेश्वर राय, संतोष राय, शारदानंद राय लुटुर, प़्रदीप राय, रामप्रवेश राय, अभयनरायण राय आदि ने भी संबोधित किया। अध्यक्षता किनवार वंश के अध्यक्ष संन्तोष राय एवं संचालन वरिष्ठ पत्रकार केएन राय ने किया।