अपने ही बड़े भाई की कर दी हत्या और वृद्ध पिता को किया घायल

गाजीपुर। पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे की मांग को लेकर छोटे भाई ने बड़े भाई बृजेश राय (45) की हत्या कर दी जबकि उसके जानलेवा हमले में वृद्ध पिता रामप्रवेश राय (70) जख्मी हो गए। यह घटना सुहवल थाने के ढढ़नी भानमल राय में शनिवार की शाम करीब चार बजे हुई। पुलिस रविवार को हत्यारे भाई अमिल राय उर्फ सोनू तथा मृतक के साले कृष्णानंद प्रधान को गिरफ्तार कर ली। घायल पिता रामप्रवेश राय का इलाज बीएचयू ट्रामा सेंटर में चल रहा है। उनके चेहरे पर संघातिक चोट हैं और आंख के नीचे की हड्डी टूट गई है।
अनिल उर्फ सोनू अपने पिता और बड़े भाई से अलग रहता था। वह पुश्तैनी संपत्ति में अपने हक को लेकर बड़े भाई बृजेश तथा पिता रामप्रवेश से आए दिन झगड़ता रहता था और उसीक्रम में वह बड़े भाई के साले कृष्णानंद के साथ उनके घर पहुंचा और बड़े भाई से उलझ गया। उसी बीच डंडा-राड लेकर वह उन पर टूट पड़ा। मामले की नाजुकता समझ पिता बीच बचाव करने के लिए उनकी ओर लपके। तब अनिल उन पर भी ताबड़तोड़ प्रहार शुरू कर दिया। बृजेश की मौके पर ही मौत हो गई।
बृजेश की पत्नी पूनम की तहरीर पर पुलिल ने एफआईआर दर्ज कर अनिल राय के साथ ही बृजेश के साले कृष्णानंद राय को भी गिरफ्तार कर ली। हालांकि कृष्णानंद की गिरफ्तारी पर गांव के कुछ लोगों और रिश्तेदारों ने कड़ी आपत्ति की> उनका कहना था कि आखिर कोई अपनी बहन की मांग क्यों उजाड़ना चाहेगा लेकिन सीओ जमानियां हितेंद्र कृष्ण ने उन्हें समझाते हुए कहा कि दरअसल प्रथम दृष्टया कृष्णानंद की भूमिका संदिग्ध लगी। वही अनिल को बृजेश के घर ले गया था और घर पहुंचने के बाद अनिल हमलावर हो गया था विवेचना में वह बेकसूर मिलेगा तो चार्जशीट से उसका नाम हटा दिया जाएगा। तब विरोध करने वाले किली तरह शांत हुए। कृष्णानंद प्रधान मुहम्मदाबाद कोतवाली के सुल्तानपुर गांव का रहने वाला है।
…पर पूरे घटनाक्रम के लिए पुलिस को जिम्मेदार मान रहे लोग
अगर गांव के लोगों की मानी जाए तो इस पूरे घटनाक्रम के लिए पुलिस जिम्मेदार है। पिछले साल 15 सितंबर को भी पुश्तैनी संपत्ति को लेकर अनिल ने पिता रामप्रवेश राय को चाकू मारा था। तब उसके विरुद्ध आईपीसी की धारा 307 के तहत सुहवल थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी लेकिन पटीदारी के ही कुछेक उसके खैरख्वाह बन गए और पुलिस से मिलीभगत कर धारा को मामूली धारा में तरमीम करवा थाने से ही खड़ेखड़ा जमानत पर उसे छोड़वा दिए थे। उसके बाद तो अनिल का मन और बढ़ गया था। वह आए दिन भाई और पिता से झगड़ने लगा। कुछ दिन पहले भी उसके विरुद्ध सुहवल थाने में एनसीआर लिखी गई थी। इस आशय के ‘आजकल समाचार’ के सवाल पर सीओ जमानियां हितेंद्र कृष्ण ने पुलिस की पक्षपात पूर्ण कार्रवाई से साफ इन्कार किया। उनका कहना था कि मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर धारा बदलने की जरूरत समझी गई और चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई।
अनिल ने की थी दो बार खुदकुशी की कोशिश
गांव के लोगों ने बताया कि अनिल राय उर्फ सोनू शुरू से बदमिजाज है। दो बार वह जहर खाकर खुदकुशी की कोशिश कर चुका है। तब उसके बड़े भाई बृजेश राय ने ही तन-मन-धन से लगकर उसे किसी तरह बचाया था। पैरवी लगा कर दिल्ली मे किसी निजी कंपनी में उसकी नौकरी भी लगवाया था मगर बदमिजाजी के कारण उसकी नौकरी भी जाती रही। घर लौटकर वह फिर से पिता की चल-अचल संपत्ति में हक मांगने लगा था। परिवार की कटिहार (बिहार) में भी खेत-मकान है। पिता ने उसे कटिहार जाने की सलाह दी लेकिन वह उल्टे उन्हें ही बड़े भाई बृजेश के साथ कटिहार में शिफ्ट होने की बात कहने लगा था।