मरदह कांड : डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा

गाजीपुर। मरदह थाने पर आक्रोशित ग्रामीणों का हमला और पुलिसिया कार्रवाई भाजपा के लिए सासंत बन गई है। जहां इस घटना को लेकर राजभर बिरादरी गुस्से में है। वहीं अगड़ों में भी कम नाराजगी नहीं है।
भाजपा को राजभरों के गुस्से का सियासी नफा नुकसान का एहसास हो गया है। शायद यही वजह है कि रविवार की शाम योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर पुलिसिया कार्रवाई के ‘शिकार’ नीतीश राजभर उर्फ बंटी के घर पहुंचे और उसकी मिजाजपुर्सी के साथ ही एसडीएम कासिमाबाद भारत भार्गव तथा सीओ कासिमाबाद विजय आनंद सिंह को वहीं तलब कर ठीक से क्लास लगाई।
मालूम हो कि गुरुवार की रात में मरदह में रामलीला मंचन के वक्त कुछ मनबढ़ युवक ग्रीन रूम में पहुंच कर महिला कलाकारों के साथ अशिष्टता करने लगे। रोकने-टोकने पर वह रामलीला कमेटी के लोगों से उलझ गए और मंच की माइक वगैरह तोड़ दिए। तब कमेटी के लोगों ने उन्हें बलपूर्वक खदेड़ दिया। उसके बाद शुक्रवार की सुबह उन युवकों ने कमेटी के अध्यक्ष और भाजपा मंडल अध्यक्ष तथा जिला पंचायत सदस्य शशिप्रकाश सिंह को हमला कर जख्मी कर दिया। शशिप्रकाश सिंह ने इसकी तहरीर मरदह थाने में दी। पुलिस नामजद पांच युवकों को उठाकर ले आई और सीधे लॉकअप में डाल दी। दुर्भाग्यवश शनिवार की सुबह उन युवकों में बंटी राजभर की तबीयत बिगड़ गई। उसे इलाज के लिए लॉकअप से निकाल कर अस्पताल ले जाया गया। उसी बीच बंटी की बस्ती में यह अफवाह फैल गई कि पुलिस की बर्बर पिटाई से उसकी मौत हो गई है। उसके बाद सैकड़ों की संख्या में बस्ती के लोग सीधे थाने पर धावा बोल दिए। पुलिस अपने अंदाज में उन्हें भगाना चाही तो वह थाने में घुस कर पथराव शुरू कर दिए। उसमें एसएचओ विरेंद्र कुमार का सिर फट गया और अन्य 12 पुलिस कर्मियों को भी चोटें आईं। उसके बाद पुलिस की अतिरिक्त फोर्स मय अधिकारियों संग मौके पर पहुंची और जमीन पर लाठियां पटक कर किसी तरह भीड़ को खदेड़ी। तब हालात काबू में आए।
…और कुल 87 नामजद
थाने पर हमले के मामले में एसएचओ विरेंद्र कुमार की तहरीर पर कुल 87 नामजद और 50-60 अज्ञात के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई। खबर यह भी है कि रात में ही नामजद 21 लोगों को पुलिस उठा ली।
सपा ने सात सदस्यीय जांच कमेटी गठित की
पूरे घटनाक्रम को लेकर शुरू में ही लपक कर भाजपा को घेरने की कवायद में जुटी समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने सात सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी है। उसमें पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह, जंगीपुर विधायक डॉ. विरेंद्र यादव, पूर्व विधायक कालीचरण राजभर, महेंद्र चौहान, जिलाध्यक्ष रामधारी यादव, जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र इकाई अध्यक्ष जयहिंद यादव तथा मरदह ब्लॉक अध्यक्ष चंद्रशेखर यादव शामिल हैं। यह टीम 20 अक्टूबर को मरदह पहुंच कर पूरे घटनाक्रम की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट प्रदेश मुख्यालय को देगी।
हटाए गए एसएचओ मरदह
पुलिस कप्तान रामबदन सिंह ने चार थानेदारों को नई तैनाती दी है। उनमें मरदह के विरेंद्र कुमार भी शामिल हैं। उन्हें विवेचना सेल में भेजा गया है। इस कार्यवाही को मरदह की घटना से ही जोड़ा जा रहा है। उनकी जगह विवेचना सेल में ही रहे राजकुमार यादव को मरदह थाने की जिम्मेदारी दी गई है। उधर बिरनो के थानाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह स्वॉट तथा सर्विलांस टीम के इंचार्ज बना दिए गए हैं। उनकी जगह बरेसर से संतोष कुमार को बिरनो थाने का इंचार्ज बनाकर भेजा गया है। नोनहरा के थानाध्यक्ष संजय कुमार मिश्र को दिलदारनगर थाने पर एसएसआई बनाकर भेजा गया है जबकि वहीं नायब दारोगा रहे विष्णुप्रताप गौतम को थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।