मुख्तार की जमानत अर्जी मंजूर, मामला आर्म्स एक्ट का

गाजीपुर। विधायक मुख्तार अंसारी के लिए सोमवार का दिन खुशी लेकर आया। आर्म्स एक्ट के केस में अपर सत्र न्यायाधीश रामसुध सिंह ने जमानत अर्जी मंजूर कर ली। मुख्तार इन दिनों बांदा जेल में निरुद्ध हैं। हालांकि जमानत अर्जी मंजूर होने के बाद भी अन्य मामलों के कारण फिलहाल उनका जेल से बाहर आना मुश्किल है।
मुख्तार के विरुद्ध आर्म्स एक्ट का मामला पिछले साल मुहम्मदाबाद कोतवाली में दर्ज हुआ था। आरोप है कि उनके नाम से जारी दो लाइसेंसी असलहों में एक का 29 मार्च 1996 को और दूसरे का लाइसेंस 23 फरवरी 2017 को निरस्त कर दिया गया था। बावजूद उन्होंने वह दोनों असलहे जमा नहीं किए। न उस आशय की नोटिस का वह जवाब ही दिए।
जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान मुख्तार के वकीलों ने कोर्ट में कहा कि अव्वल तो राजनीतिक साजिश के तहत उनके विरुद्ध यह झूठी केस दर्ज की गई जबकि वह 25 नवंबर से न्यायिक हिरासत में हैं। पुलिस ने अपने आरोप पत्र में जिन असलहों का जिक्र किया है, उनमें एक असलहा 30 दिसंबर 1991 से ही चंदौली जिले की मुगलसराय कोतवाली के मालखाने में जमा है और उस मामले में वाराणसी की संबंधित कोर्ट से जमानत भी मिल चुकी है। बावजूद उसी मामले में नाहक दोबारा उसी मामले में केस दर्ज किया गया। रही बात दूसरे असलहे की तो उसका लाइसेंस उनके नाम पर कभी जारी ही नहीं हुआ। इसीक्रम में मुख्तार के वकील ने उनकी अवस्था और बीमारी का हवाला देते हुए उन्हें जेल से रिहा करने की कोर्ट से गुजारिश की।
हालांकि सरकारी वकील ने मुख्तार के वकील की दलीलों पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि मुख्तार पर लगा आरोप गंभीर प्रकृति का है। अतः उनकी जमानत अर्जी खारिज करने लायक है।
न्यायाधीश दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने और साक्ष्यों के परीक्षण के बाद जमानत अर्जी मंजूर करते हुए 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया।