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अपराधब्रेकिंग न्यूज

मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर को प्रयागराज पुलिस ने साथियों संग पकड़ा

गाजीपुर। मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर और उसके सात साथियों को शुक्रवार की दोपहर हिरासत में लिए जाने की खबर मिली है। यह कार्रवाई प्रयागराज पुलिस ने की है। प्रयागराज पुलिस के हवाले से खबर में बताया गया है कि उमर अकारण अपने लावलश्कर संग प्रयागराज डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पहुंचे थे जबकि गाजीपुर के बहुचर्चित उसरी कांड में मुख्तार अंसारी के जानी दुश्मन रहे बृजेश अंसारी तथा त्रिभुवन सिंह की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी को लेकर वहां सुरक्षा का तगड़ा इंतजाम था लेकिन पर्याप्त पुलिस फोर्स के अभाव में उनकी पेशी नहीं हो पाई। बृजेश वाराणसी और त्रिभुवन सिंह मीरजापुर जेल में निरुद्ध हैं। अलबत्ता, मुकदमे का चश्मदीद गवाह रमेश जरूर हाजिर था। वह मुख्तार का ड्राइवर है।

खबर के मुताबिक सात साथियों संग पहुंचे मुख्तार अंसारी के बेटे उमर को देख पुलिस ने उन्हें टोका। तब वह नोकझोंक पर आमादा हो गया लेकिन पुलिस ने उन सभी को कोर्ट कैंपस से बाहर किया। उसके बाद वह लोग जगराम चौराहे के पास पहुंच कर रुक गए। तब पुलिस टीम एहतियातन मौके पर पहुंची और उन्हें हिरासत में लेकर कर्नलगंज थाने पर ले गई।

इस सिलसिले में ‘आजकल समाचार’ ने एसएचओ कर्नलगंज से बात की। उन्होंने यह कबूला कि मुख्तार के बेटे को उसके साथियों संग पकड़ा गया है लेकिन और कुछ बताने से उन्होंने और कुछ बताने से साफ मना कर दिया। उधर सीओ कर्नलगंज अजीत सिंह चौहान के हवाले से ऑनलाइन खबर में बताया गया है कि जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे उमर और उसके साथ मौजूद सात लोगों को पकड़ा गया है। सभी से पूछताछ चल रही है। उनके पास से दो गाड़ी भी मिली है। आने का मकसद पता लगाया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई होगी।

मालूम हो कि गाजीपुर के मुहम्मदाबाद कोतवाली की उसरी चट्टी पर 15 जुलाई 2001 को मऊ विधायक मुख्तार अंसारी का काफिले पर हमला हुआ था। तब वह अपने पैतृक आवास फाटक यूसुफपुर से अपने निर्वाचन क्षेत्र में जा रहे थे। उसमें मुख्तार बाल-बाल बच गए थे लेकिन उनका सरकारी सहित दो अंगरक्षक मारे गए थे जबकि जवाबी कार्रवाई मे एक हमलावर मनोज राय भी मौके पर ढेर हुआ था।

हालांकि एसएचओ कर्नलगंज सुरेश सिंह से ‘आजकल समाचार’ ने रात करीब 11 बजे  दोबारा बात की। उन्होंने बताया कि शांति भंग में मुख्तार के बेटे तथा उसके साथियों का चालान किया गया। संबंधित कोर्ट उन्हें जमानत पर छोड़ दी।

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