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मुख्तार अंसारी के चालक की लखनऊ में हत्या, मनबढ़ था महेंद्र जायसवाल

गाजीपुर। मुख्तार अंसारी के चालक रहे महेंद्र जायसवाल (52) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या रविवार की देर शाम लखनऊ के कृष्णानगर कोतवाली के विजय नगर इलाके में हुई। बाइक सवार दो अज्ञात बदमाशों ने इस वारदात को अंजाम दिया। महेंद्र के सिर में गोलियां लगी थीं।

लखनऊ पुलिस के हवाले से मिली खबर के मुताबिक किसी अनिल शुक्ल का मकान विजयनगर में है। कुछ दिन पहले उन्होंने असलम नाम के ठेकेदार को मकान गिराने का ठेका दिया था। असलम के साथ काम करने वाला महेंद्र जायसवाल वह मकान गिरवा रहा था। उसी बीच बाइक सवार दो बदमाश पहुंचे और महेंद्र पर तीन राउंड गोलियां दागकर चलते बने। सिर में गोली लगने के बाद महेंद्र गिर पड़ा था। आसपास मौजूद लोग उसे करीब के लोकबंधु अस्पताल ले गए। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। महेंद्र की हत्या क्यों हुई और किन लोगों ने की। फिलहाल लखनऊ पुलिस इन सवालों का जवाब ढूंढने में जुटी है। वैसे माना जा रहा है कि व्यवसायिक रंजिश में उसकी हत्या हुई है।

महेंद्र जायसवाल मूलतः गाजीपुर शहर के नखास मुहल्ले का रहने वाला था और इन दिनों लखनऊ में ही हरदोई रोड स्थित बसंतकुंज योजना के तहत आबाद पीरनगर में रहता था। वैसे लखलऊ पुलिस को मृत महेंद्र जायसवाल के पास से लखनऊ के सआदतगंज और काकोरी के पते के दो आधार कार्ड भी मिले। उसने दो शादी की थी। पहली पत्नी संतानों संग गाजीपुर में पुश्तैनी मकान में रहती है जबकि दूसरी पत्नी लखनऊ में रहती है।

महेंद्र जायसवाल के परिवार के लोग किराना व्यवसाय से जुड़े हैं लेकिन वह खुद बचपन से ही मनबढ़ था। इतना कि किशोरावस्था में उसने तब हम उम्र रहे पूर्व मंत्री विजय मिश्र को चाकू मार दिया था। बाद में मुख्तार अंसारी के संपर्क में आने के बाद गाजीपुर शहर में उसका काफी टेरर बन गया था। बताते हैं कि गाजीपुर शहर के मानिंद लोगों में शामिल रहे रिगल टॉकीज के मालिक बबुआ सिंह को उनके टॉकीज के सामने ही मामूली बात पर सरे राह थप्पड़ रसीद कर दिया था। कुछ ही साल पहले मुख्तार के ही करीबी ठेकेदार शकील हैदर को भी लखनऊ के सहारा हॉस्पिटल के पास नाहक झपड़िया दिया था। डीएम गाजीपुर के आदेश पर बीते 29 अक्टूबर को गैंगस्टर एक्ट के तहत शहर से सटे गोंडा देहाती में महेंद्र जायसवाल और उसके रिश्तेदार के दो मकानों को जब्त किया गया था। तब उनकी बाजार की कीमत करीब 45 लाख रुपये आंकी गई थी।

महेंद्र जायसवाल मुख्तार अंसारी के लिए विश्वास पात्र और कुशल चालक था। उस नाते वह बराबर पुलिस की निगाह में चढ़ा रहता। पुलिस उसे कई बार जेल भेज चुकी थी। पुलिस की बार-बार कार्रवाई से वह लखनऊ में ही स्थाई रूप से रहने लगा था। जरूरत पड़ने पर ही गाजीपुर लौटता था। कुछ ही दिन पहले पहली पत्नी से छोटे बेटे की उसने वाराणसी में सगाई भी कराई थी।

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