सांसद बनाम विधायकः भांवरकोल का हिसाब मुहम्मदाबाद में होगा पूरा !

गाजीपुर (राहुल पांडेय)। भांवरकोल ब्लॉक प्रमुख पद के चुनाव में भाजपा विधायक अलका राय के परिवार की एकतरफा जीत का कयास भले राजनीतिक पंडित लगा रहे हों लेकिन मुहम्मदाबाद ब्लॉक प्रमुख की लड़ाई में सांसद अफजाल अंसारी खेमे की स्थिति मजबूत मानी जा रही है।
मुहम्मदाबाद ब्लॉक प्रमुख का पद अनारक्षित है। विधायक अलका राय के लोग सपाई अवधेश राय को जीताने में लगे हैं। यहां तक कि विधायक पुत्र पीयूष राय अपने ‘खास अंदाज’ में अवधेश राय के अभियान को गति देने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। उधर अवधेश राय के मुकाबिल सांसद खेमा युवा चेहरे के तौर पर उत्सव राय अप्पू को मैदान में उतारा है। अप्पू पूर्व ब्लॉक प्रमुख विजय किशोर राय मुन्ना के भतीजे हैं जबकि अवधेश राय की पत्नी गीता राय कभी मुहम्मदाबाद ब्लॉक प्रमुख रह चुकी हैं।
कुल 111 सदस्यीय मुहम्मदाबाद क्षेत्र पंचायत में यह दोनों खेमा अपने लिए कामभर सदस्यों को ‘मैनेज’ करने का दावा कर रहा है। विधायक खेमे की कोशिश है कि भांवरकोल के साथ ही मुहम्मदाबाद ब्लॉक में भी झंडा गाड़ा जाए। ताकि मुहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र से ही अंसारी खेमे का सफाया हो जाए। शायद यही वजह है कि विधायक खेमे ने अवधेश राय को रेस में जीत का घोड़ा मानकर उन पर दाव लगाया है। इसके लिए इस खेमे ने भाजपा के उन कॉडर की भी परवाह नहीं की है जो शुरू से अवधेश राय की ‘राजनीतिक स्टाइल’ को नापंसद करते हैं।
इधर अवधेश राय के ‘मैनेजमेंट’ को तहस-नहस करने में सपा के ही वरिष्ठ नेता राजेश राय पप्पू का गुट भी जुट गया है। यह गुट अंजू राय पत्नी चंद्रबली राय को लॉंच कर दिया है और अवधेश राय की दलीय निष्ठा पर सवाल उठा कर उनके विरुद्ध पेशबंदी में लगा है। इसके लिए यह गुट अवधेश के अभियान से भाजपा विधायक पुत्र के जुड़ने का हवाला भी दे रहा है। इसके जवाब में अवधेश राय सपा कॉडर के बीच पहुंचकर खुद को सपा का समर्पित कार्यकर्ता साबित करने की भरसक कोशिश कर रहे हैं।
एक ओर भाजपा विधायक पुत्र का साथ और दूसरी ओर खुद को खाटी सपाई बताने की इस दोहरी चाल के पीछे अवधेश राय की मंशा जो हो लेकिन इलाकाई राजनीतिक पंडित इसको उनकी सियासी गणितीय चाल से जोड़ रहे हैं। मुहम्मदाबाद क्षेत्र पंचायत के कुल सदस्यों में जातीय आंकड़े पर गौर किया जाए तो सर्वाधिक यदुवंशी और उनके बाद अनुसूचित तथा मुसलमान हैं।
सांसद अफजाल अंसारी के भतीजे शोएब अंसारी मन्नू अपने खेमे के उत्सव राय अप्पू की पक्की जीत का दावा करते हुए कहते हैं-इस चुनाव में विरोधी खेमे के धनबल-बाहुबल का खुलेआम प्रदर्शन पर आमजन में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। तय है कि विरोधी खेमे को हार के रूप में इसकी कीमत चुकानी ही पड़ेगी। इसीक्रम में मन्नू अंसारी यह भी जोड़ते हैं कि भांवरकोल की प्रमुखी को लेकर भी भाजपा मुगालते में है।
सांसद भतीजा मन्नू अंसारी के इस दावे में कितना दम है। यह तो वक्त बताएगा लेकिन राजनीतिक पंडित इस बात से इन्कार नहीं कर हैं कि सपा और भाजपा में मौजूद अवधेश राय की एंटी लॉबी उनके अभियान को पलीता लगाने में अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ेगी।…तब सियासी लाभ किसे मिलेगा। इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।