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सांसद अतुल का अब देवालयों में ‘ऑक्सीजन लंगर’

गाजीपुर। बतौर सांसद घोसी अतुल राय, कोविड संक्रमितों के लिए मुफ्त दवा सहित टेलीमेडिसीन तक। मऊ जिला अस्पताल के लिए स्ट्रेचर-व्हीलचेयर-सेनेटाइजर सहित पल्स ऑक्सिमीटर-इंफ्रारेड थर्मामीटर तक। फिर मऊ जिला अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिंडर। पूरे संसदीय क्षेत्र के लिए एंबुलेंस सेवा और अब मऊ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट सेंट्रल बार के साथ ही सर्वधर्म भाव से देवस्थलों में ऑक्सीजन लंगर। वाकई यह सब कर सांसद अतुल राय ने महामारी काल में एक जनप्रतिनिधि की नैतिक जिम्मेदारी के मायने बदल दिए हैं और गढ़ दी है नई व्याख्या। रच दी है नई परिभाषा।

अब जबकि कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार में लगातार गुणात्मक गिरावट दर्ज हो रही है और सरकारी अमला सुस्ताने की मुद्रा में आने लगा है। बावजूद घोसी संसदीय क्षेत्र में सांसद अतुल राय की टीम उतनी ही तन्मयता से अपने काम में लगी है। वही तत्परता से जुटी है। शुक्रवार को मऊ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के सिविल बार एसोसिएशन में और दारुल उलूम मदरसा, डोमनपुरा स्थित आलिया मदरसा, सलेमपुर स्थित मां चंडी मंदिर एवं इंदारा मिशनरी हॉस्पिटल में कुल 20 ऑक्सीजन कॉन्सेंटरेटर उपलब्ध कराए गए।

इस मौके पर सांसद प्रतिनिधि गोपाल राय ने कहा कि इस विपत्ति काल में जहां दुनिया भर की सरकारें और चिकित्सा वैज्ञानिक जूझ रहे हैं। ऐसे में हर किसी खासकर सामर्थ्यवान, जिम्मेदारान का फर्ज बनता है कि इंसान को इस महामारी से उबारने के लिए आगे आए। यथा संभव जरूरतों की पूर्ति करे।

इसीक्रम में सांसद प्रतिनिधि ने ‘आजकल समाचार’ से बातचीत में कहा-समाजसेवा का दंभ भरने वाले राजनीतिकों, जनप्रतिनिधियों की भूमिका की अहमियत, जरूरत और बढ़ गई है। यह बेजार वक्त जनप्रतिनिधियों के लिए अपनी संवेदन शून्यता दिखाने का नहीं है। अपनी नैतिक जिम्मेदारी सरकार पर थोपने का नहीं है। निलंबित निधि के बहाने अपनी नैतिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़ने का नहीं है और जाने-अनजाने अपने को बेजार बता कर क्षेत्र से लापता होने का नहीं है।

सांसद प्रतिनिधि ने कहा कि इस बात का एहसास सांसद घोसी अतुल राय को है। यही वजह है कि एक कथित यौन शोषण के मामले में जेल में निरुद्ध होने के बाद भी वह अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों की हिफाजत, जरूरत को लेकर फिक्रमंद हैं। उनके निर्देशन में उनकी टीम हर गांव हर मुहल्ला के हर घर तक पहुंच कर चिकित्सकीय मदद पहुंचाने की कोशिश में जुटी है। एक सवाल पर सांसद प्रतिनिधि ने कहा कि सांसद का देवालयों में ‘ऑक्सीजन लंगर’ के कई अर्थ हैं। इनमें एक अर्थ यह भी है कि भगवान से कुछ मांगने के लिए खाली मन, खाली हाथ नहीं जाते बल्कि श्रद्धा भाव, भोग प्रसाद लेकर जाते हैं। सांसद अतुल राय भी ऑक्सीजन लंगर लगा कर प्रभु के दरबार में यही अर्जी लगाए हैं कि हे प्रभु! इस विपत्ति काल से मानव को उबारें।

 यह भी पढ़ें–चित्रकूट जेल शूट आउटः मजहबी एंगल तो नहीं!

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