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विजय मिश्र का फिर पलटी मारने का मतलब!

गाजीपुर। सियासत में चाहे-अनचाहे हुए घटनाक्रम भी बतकही का मौका बना देते हैं। पूर्व मंत्री विजय मिश्र का बसपा छोड़ कर भाजपा में आना और मौजूदा मंत्री डॉ. संगीता बलवंत का इधर बार-बार भदोही जाना गाजीपुर के लोगों को बतकही का मौका बना दिया है।

बतकही यह शुरू हो गई है कि विजय मिश्र गाजीपुर की सदर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे और उनके लिए यह सीट भाजपा डॉ. संगीता बलवंत को भदोही शिफ्ट कर खाली कराएगी।

हालांकि इस कयास को बतकही में यह कह कर खारिज भी किया जा रहा है कि विजय मिश्र इस हैसियत में पाला नहीं बदले हैं कि वह भाजपा से किसी तरह की सौदेबाजी कर पाएंगे। यह सबको पता है कि विजय मिश्र के आने से भाजपा की ताकत नहीं बढ़ी है बल्कि उनका खुद का मतलब सधा है। उन्हें एक मजबूत सियासी ठौर  की जरूरत थी। यह ठीक है कि विजय मिश्र ब्राह्मण हैं और पुश्तैनी कारोबार के नाते गाजीपुर शहर के वैश्य समाज में भी उनका कुछ असर है लेकिन ब्राह्मण तथा वैश्य समाज में पहले से ही भाजपा को लेकर आकर्षण बना हुआ है। ऐसी दलील देने वाले उनकी भाजपा की सदस्यता लेते वक्त की मीडिया, सोशल मीडिया में आई फोटो का भी हवाला दे रहे हैं। उनका कहना है कि उस फोटो में विजय मिश्र संग मौजूद भाजपा नेताओं में वह स्वभाविक गर्मजोशी नहीं दिख रही है, जो गैर दलों से जनाधार वाले नेताओं के आने पर उनमें दिखती है। फिर यह भी नहीं कि अकेले विजय मिश्र के लिए ही भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में वह कार्यक्रम आयोजित था। उस कार्यक्रम में सपा के ही वरिष्ठ नेता और सुल्तानपुर जिले से तीन बार विधायक रहे पूर्व मंत्री जयनारायण तिवारी को भी भाजपा की सदस्यता दिलाई गई। उनके अलावा उस मौके पर और भी सपा, बसपा एवं कांग्रेस के कई नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ली।

रही बात विजय मिश्र की तो भाजपा नेताओं को यह पता ही है कि साल 2012 के विधानसभा चुनाव में विजय मिश्र सपा के टिकट पर गाजीपुर की सदर सीट से जैस-तैसे ही जीते थे।

विजय मिश्र के भाजपा में आने पर सोशल मीडिया यूजर्स भी खूब कमेंट्स कर रहे हैं। उनमें ज्यादातर ने उनकी मौकापरस्ती की ही चर्चा की है। वैसे कुछ उनके अति उत्साही समर्थकों ने विजय मिश्र के जुड़ने के बाद भाजपा में मजबूती आने की बात भी कह रहे है। उधर खुद विजय मिश्र ने भाजपा में आने के बाद अपने फेसबुक एकाउंट पर यही पोस्ट कर बताया है- “आज देश जिस संकट से गुजर रहा है। उसमें विरोधी पार्टियों के नकारात्मक व असहयोगी रवैये को देखते हुए मैने राष्ट्र हित में माननीय नरेंद्र मोदी जी के हाथ मजबूत करने का निश्चय किया तथा भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की”।

इधर डॉ. संगीता बलवंत के बार-बार भदोही दौरे को लेकर कहा जा रहा है कि अव्वल तो भदोही उनकी बिरादरी बिंद बाहुल्य क्षेत्र है और गाजीपुर सदर विधानसभा क्षेत्र में डॉ. संगीता बलवंत की चमक फीकी हो गई है। यहां तक कि अपनी बिरादरी में भी उनके लिए नाराजगी कम नहीं है। इसका अंदाजा हाल ही में आए भाजपा के क्षेत्रीय प्रभारी सांसद सुब्रत पाठक की बैठक में भी मिला था। बैठक में उनके विरुद्ध आए तल्ख स्वर भी ज्यादातर उन्हीं की बिरादरी के कार्यकर्ताओं के थे। इस दशा में डॉ. संगीता बलवंत की सीट बदलने की अगर भाजपा सोच रही है तो कोई हैरानी की बात नहीं कही जा सकती।

यह भी पढ़ें—पूर्व मंत्री का सरकार पर सीधा हमला

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