बिहार प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़ अपने मुहम्मदाबाद को ‘संवारने’ आए हैं मनोज राय

गाजीपुर। प्रशासनिक सेवा में जाने की लगभग हर नौजवान की हसरत रहती है लेकिन इस मामले में 39 साल के मनोज राय का नजरिया कुछ और है। उनका मानना है कि शानदार करियर खातिर तो प्रशासनिक सेवा ठीक है लेकिन समाज सेवा की ललक पूरी करने के लिए राजनीति ही सशक्त माध्यम है।
शायद यही वजह है कि वह बिहार प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देकर सक्रिय राजनीति में कूद पड़े हैं और अपने गृह विधानसभा क्षेत्र मुहम्मदाबाद से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। उनका जनसंपर्क अभियान शुरू है। टिकट को लेकर वह पूर्णतः आश्वस्त भी हैं। मनोज राय का विजन है सहजता-सुलभता-स्वच्छता के साथ हर वर्ग का सम्मान और क्षेत्र के समग्र विकास का। ‘आजकल समाचार’ से बातचीत में मनोज ने अपने विजन की व्याख्या करते हुए बताया कि सहजता का मतलब यह कि हर कोई बेहिचक, बेझिझक उन तक पहुंचे। सुलभता यह कि हर किसी की जरूरत पर उनके लिए वह स्वंय बराबर उपलब्ध रहने की कोशिश करें और स्वच्छता का आशय यह कि हर कार्य विशेषकर विकास कार्यों में पूरी ईमानदारी, पारदर्शिता रहे।
मनोज की यह है प्रोफाइल
मूलतः भांवरकोल ब्लॉक के जोंगा-मुसाहिब के रहने वाले मनोज राय साल 2006 में बीएचयू से एमएससी (सांख्यिकी) की डिग्री लेने के बाद 2013 में बिहार प्रशासनिक सेवा में आए। सेवा में रहते बिहार सरकार के अभियानों, योजनाओं के क्रियान्वयन में उत्कृष्टता के लिए कई बार प्रशस्ति मिली। उसक्रम में उन्होंने निजी स्तर पर समाजसेवा का काम भी जारी रखा। रिकार्ड रक्तदान के लिए रेडक्रास सोसायटी की बिहार यूनिट उन्हें सम्मानित की। आरएसएस के वह बाल स्वंय सेवक रहे हैं। फिर बीएचयू में प्रवेश के साथ ही विद्यार्थी परिषद से जुड़े। बीएचयू से निकलने के बाद और बिहार प्रशासनिक सेवा में जाने से पहले तक वह भाजयुमो में तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग ठाकुर, प्रदेश में अशोक कटारिया, हरीश द्विवेदी के संरक्षण में सक्रिय रहे। संगठन के प्रति उनके समर्पण, कर्मठता का ही परिणाम रहा कि इन्हें भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष रहे आशुतोष राय की टीम में जगह मिली। आखिर सक्रिय राजनीति में आने के लिए उनका मोटिवेटर कौन? मनोज बोले-बाल्यावस्था में ही आरएसएस से मिला समाज सेवा का संस्कार और पिताश्री का मार्गदर्शन।
…और यह पारिवारिक पृष्ठभूमि
पिता डॉ.विक्रमादित्य राय डीएवी डिग्री कॉलेज वाराणसी में समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष हैं और जम्मू-कश्मीर के वर्तमान उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के संसदीय राजनीति के काल में शुरुआती चुनाव अभियानों के संचालक रहे हैं। पत्नी प्रियंका राय मल्टीनेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। दो छोटी बहनों में डॉ.अर्चना राय दिल्ली में रह कर समाजसेवी संस्था प्रयास फाउंडेशन का संचालन करती हैं। दूसरी बहन प्रियंका राय बिहार प्रशासनिक सेवा की अफसर हैं और बक्सर में पदस्थापित हैं।