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सख्शियतसाहित्य

माधव कृष्ण के दूसरे काव्य संग्रह ‘कामरेडों को मूर्ति पूजा नहीं आती’ लोकार्पित

गाजीपुर। युवा कवि माधव कृष्ण की दूसरी कृति ‘कामरेडों को मूर्ति पूजा नहीं आती’ (काव्य संग्रह) से ‘कामरेडों’ में तिलमिलाहट है।

अपने इस काव्य संग्रह की टाइटल कविता में माधव कृष्ण ने गाजीपुर के कलेक्ट्रेट स्थित स्थापित महान कम्युनिस्ट नेता सरजू पांडेय की प्रतिमा को विंब बनाते हुए कम्युनिस्टों के सिद्धांतों, मूल्यों में हो रहे क्षरण पर सीधी चोट की है। हैरानी यह कि किसी भी मुद्दे, विषय पर सहमति-असहमति, विमर्श के खुद को पैरोकार कहने वाले कामरेड उल्टे माधव कृष्ण को ही ‘जड़ी’ करार देने पर आमादा हो गए हैं।

कामरेडों के इस तीखी प्रतिक्रिया के बीच रविवार को आदर्श इंटर कॉलेज सभागार में ‘कामरेडों को मूर्ति पूजा नहीं आती’ का भव्य समारोह में लोकार्पण हुआ। समारोह में मौजूद सुधिजनों ने माधव कृष्ण की इस कृति को मुक्तकंठ से सराहा। समारोह के मुख्य अतिथि हिंदुस्तानी अकादमी के अध्यक्ष प्रो. उदय प्रताप सिंह ने कहा कि माधव कृष्ण की कविताओं में छटपटाहट की प्रक्रिया काव्य संग्रह के शीर्षक में ही दिख रही है। भारत की माटी पर भारत की संस्कृति, विचारधारा ही पनप सकती है। माधव कृष्ण ने सामाजिक ढांचे में विद्वेष पैदा करने की जगह संवाद पर जोर दिया है।

विशिष्ट अतिथि नवगीतकार ओम धीरज का कहना था कि यह काव्य संग्रह बहुकोणीय दृष्टिबोध कराता है। इसके बहुआयामी चरित्र को समझने के लिए इसे समग्रता से पढ़ना होगा। यह काव्य संग्रह वर्तमान की दोहरी नागरिक संहिता को परिलक्षित करता है। हृदय को परदुखकातर बनाने वाले काव्य को ही साहित्य कहते हैं और यह विशेषता इस काव्य संग्रह में है। इसमें भाव संकुल है। आयताकार है और वृत्ताकार भी है। निसंदेह माधव कृष्ण के भीतर की आग उम्मीद की आग है और यह सबके भीतर जलती रहनी चाहिए।

काव्य संग्रह की विवेचित व्याख्या करते हुए डॉ. शिखा तिवारी ने माधव कृष्ण के आक्रोश संवेदना को विस्तार से रेखांकित किया।

समारोह की अध्यता बीएचयू के प्रोफेसर राकेश उपाध्याय ने की। उन्होंने कहा कि यह गंगा के पानी का प्रभाव है कि माधव कृष्ण कॉरपोरेट संस्कृति के प्रतिभावान युवक अपने समाज और देश लौट कर संस्कृति परक लेखन में लीन है।

समारोह में कवियत्री पूजा राय, डॉ. निरंजन यादव, डॉ. प्रमोद कुमार श्रीवास्तव अनंग, डॉ. संतोष तिवारी, कवियत्री अनुश्री आदि ने भी काव्य संग्रह को खूब सराहा। अतिथियों का स्वागत डॉ. अजय राय ने किया और अंत में डॉ. श्रीकांत पांडेय ने आभार जताया। संचालन डॉ. गजाधर शर्मा गंगेश ने किया। समारोह का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन तथा पुष्प अर्पण सहित सरस्वती वंदना से हुआ।

समारोह में नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन विनोद अग्रवाल, डॉ. सानंद सिंह, डॉ. संतन कुमार, मोती प्रधान, आर्य समाज के प्रधान आदित्य प्रकाश, श्रीगंगा आश्रम के सदर प्रभारी रामअवध यादव, इं. संजीव गुप्त, अच्छे कुशवाहा, गायत्री परिवार के सुरेंद्र सिंह, चंद्रप्रकाश, मनीष सिंह, अभिषेक अग्रवाल, बद्रीश श्रीवास्तव, पत्रकार सुजीत सिंह प्रिंस, आशीष राय, शिवकुमार राय, अंशु गुप्त, सत्य सिंह, रुचि सिंह, कुमुद सिंह, अंजलि सहाय, प्रियंका तिवारी, निमिषा सोनाली, खुशबू पांडेय आदि भी उपस्थित थे।

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