एक बाल आग्रह पर उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने बदली जम्मू-कश्मीर की शिक्षा नीति

गाजीपुर। केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा को एक बाल आग्रह ने वहां की शिक्षा नीति बदलने को बाध्य कर दिया।
एक नन्हीं मासूम बच्ची का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्कूल से मिले होमवर्क के बोझ को खत्म करने की फरियाद सोशल मीडिया पर 29 मई को वायरल हुई। 1.11 मिनट के उस वीडियो में वह बच्ची अपने मासूमियत अंदाज और जुबान में वह प्रधानमंत्री से कहती सुनाई पड़ रही है-मैं रोजाना तीन घंटे ऑनलाइन पढ़ाई करती हूं। पढ़ाई का इतना ज्यादा बोझ बड़े बच्चों के लिए होता है। हमारे जैसे नन्हें बच्चों के लिए इतना सारा होमवर्क क्यों मोदी साहब। जाहिर था उस वीडियो ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा। उस नन्हीं बच्ची की पहचान श्रीनगर के बाटमालू इलाके की माइरू इरफान के रूप में हुई। उसके बाद तो जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने उसे स्वतः संज्ञान में लिया। पहले तो उन्होंने ट्विट कर कहा-‘’बहुत ही मनमोहक शिकायत! उस ट्विट में ही बताए कि वह स्कूली बच्चों पर होमवर्क कम करने के लिए शिक्षा विभाग को उन्होंने 48 घंटे के भीतर नीति बनाने का निर्देश दिया है। बचपन की मासूमियत भगवान का उपहार है। बच्चों के दिन जीवंत, आनंदित और आनंद से भरे होने चाहिए।‘’
अपने उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के आदेश को अमल करते हुए जम्मू-कश्मीर के शिक्षा विभाग ने तय समय सीमा में नीति बनाकर उनके समक्ष प्रस्तुत कर दी। केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से पिछले साल ऑनलाइन पढ़ाई के लिए जारी गाइडलाइन के आधार पर जम्मू-कश्मीर के लिए बनी उस शिक्षा नीति के मुताबिक प्री-प्राइमरी के बच्चों के लिए प्रतिदिन मात्र 30 मिनट की ऑनलाइन क्लास चलेगी। कक्षा एक से आठ तक के लिए बच्चों के लिए 30-45 मिनट की दो से ज्यादा कक्षाएं नहीं चलेंगी। स्कूल कक्षा नौ से 12वीं तक की क्लास के लिए 30 से 45 मिनट के चार सेशन चल सकते हैं। दो लगातार ऑनलाइन क्लास के बीच 10-15 मिनट का ब्रेक होगा। इसके अलावा स्कूलों को प्राइमरी के बच्चों के लिए होमवर्क देने से बचने की सलाह दी गई है। नई नीति में स्कूल संचालकों से यह भी अपेक्षा की गई है कि वह बच्चों के लिए ‘ज्वॉयफुल लर्निंग' पर जोर देंगे।