कृष्णा हत्याकांडः स्वर्णकार समाज खफा, डीएम-एसपी को सौंपे पत्रक

गाजीपुर। स्वजातीय कृष्णा वर्मा की हत्या के मुख्य अभियुक्त की अब तक गिरफ्तारी न होने से शहर का स्वर्णकार समाज बेहद खफा है। न्यू अखिल भारतीय स्वर्णकार समाज के बैनर तले स्वर्णकार गुरुवार को इस सिलसिले में डीएम तथा एसपी से मिले और चेताए कि मृत कृष्णा वर्मा का त्रयोदशाह 29 अप्रैल को है। अगर इस अवधि में मुख्य अभियुक्त बबलू पटवा की गिरफ्तारी नहीं हुई तो समाज के लोग लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन को बाध्य होंगे।
उन्होंने डीएम तथा एसपी को इस आशय का पत्रक दिया। पत्रक देने वालों में संगठन अध्यक्ष संतोष कुमार वर्मा के अलावा राजेश वर्मा, कैलाश नाथ वर्मा, कन्हैया लाल, धन्नू वर्मा, नंदलाल वर्मा, राजन वर्मा आदि थे।
मालूम हो कि शहर के बहुपुरा (तुलसी का पुल) निवासी कृष्णा वर्मा 15 अप्रैल को बाइक लेकर घर से निकला था। 17 अप्रैल की सुबह उसका शव किला कोहना मुहल्ले की कचौड़ी गली में बबलू पटवा के घर के पास मिला था जबकि उसके स्वजन 16 अप्रैल को शहर कोतवाली में कृष्णा वर्मा की गुमशुदगी की सूचना दर्ज करा चुके थे।
उसी बीच पुलिस को पता चला कि कृष्णा वर्मा को विंध्याचल धाम चलकर दर्शन-पूजन के लिए बबलू पटवा को घर से बुलाया था। फिर तो पुलिस बबलू पटवा को जीरो इन कर अपनी तफ्तीश आगे बढ़ाई। कृष्णा वर्मा के फोन के कॉल डिटेल्स खंगालने पर बबलू पटवा और शक के दायरे में आ गया लेकिन वह अपने घर से लापता था। तब पुलिस उसकी पत्नी रीता पटवा को उठाई। फिर तो अच्छी वाली पूछताछ में हत्या की पूरी कहानी उगल दी। हत्या में खुद की संलिप्तता भी कबूल ली और मृत कृष्णा वर्मा की बाइक भी बरामद करवा दी।
रीता बताई कि कृष्णा वर्मा उनके मकान की रजिस्ट्री कराई। तय कीमत के पूरे रुपये भी नहीं दिए और मकान पर काबिज भी हो गया। शेष रुपये मांगने पर वह टाल-मटोल करने लगा। तब रीता और उसके पति ने योजना बनाई। योजना के तहत कृष्णा को विंध्याचल धाम दर्शन करने के बहाने उसे घर बुलाए। घर पर उसे छक कर शराब पिलाए। जब वह नशे में धुत हो गया तब लोहे के राड से प्रहार कर उसकी हत्या कर दिए। उसके बाद दूसरे दिन रात के पहर शव को कंबल में लपेटकर गली में रख दिए थे।