हाय रे छठी मैया! जिस घर में ‘कृपा’, उसी घर में ‘श्राप’

बाराचवर (गाजीपुर)। हाय रे छठ मइया! यह आपका कैसा न्याय। जिस परिवार पर आपकी कृपा बरसी, उसी परिवार पर आपका श्राप भी लगा। यह दर्दभरा किस्सा करीमुद्दीनपुर थाने के गोसलपुर गांव का है। गांव के गौतम सिंह का इकलौता पुत्र सूरजभान टोंस नदी में डूब गया। शोक में पूरे गांव में न छठ पूजन हुआ न चूल्हे ही जले।
सूरजभान गांव के अन्य बच्चों संग छठ पूजा की बेदी बनाने के लिए नदी किनारे सुबह नौ बजे गया था। सूचना मिलते ही स्वजनों तथा हजारों ग्रामीण मौके पर एकत्र हो गए। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से सूरजभान की तलाश कराई लेकिन देर शाम तक उसका पता नहीं चला। सूरजभान संग गए और बच्चों ने बताया कि वह सब अपनी-अपनी बेदी बनाने के बाद नहाने के लिए नदी में उतरे थे। नउसी बीच सूरजभान गहरे पानी में समा गया था।
गौतम सिंह की शादी के 14 साल बाद भी पत्नी शीला सिंह की कोख नहीं भरी। तब शीला सिंह ने छठ मइया से मन्नत मांगी। उसके बाद सूरजभान का जन्म हुआ। घर में किलकारी गूंजने से गौतम-शीला खुशी में झूम उठे थे। वह दोनों सूरजभान को छठ मइया का उपहार मानते थे और हर साल पूरे विधि-विधान से छठ पूजन करने लगे थे। इस बार भी शीला छठ पूजन के लिए व्रत रखी थीं लेकिन किस्मत का लिखा मिटता कहां है। वही छठ मइया परिवार के इकलौते चिराग को बुझा भी दीं।
मौके पर एसडीएम मुहम्मदाबाद तथा सीओ मुहम्मदाबाद भी पहुंचे थे। एसओ करीमुद्दीनपुर प्रवीण यादव भी सदलबल डटे थे। घंटों बाद गोताखोरों के आने के बाद सूरजभान की तलाश शुरू हुई लेकिन सूरज ढलने के बाद वह काम रोक दिया गया। इस हादसे से पूरा गांव सदमे में है। सुूरजभान नगीना इंटर कालेज पलिगरा बलिया मे कक्षा नौवीं का छात्र था।
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