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फर्नीचर व्यवसायी हत्याकांडः फौजी साले ने जारी किया था ‘डेथ वारंट’

गाजीपुर। जंगीपुर के यादव मोड़ के पास 24 अक्टूबर की सुबह फर्नीचर व्यवसायी जितेंद्र यादव (28) की हत्या उसके फौजी साले ने ही कराई थी। वारदात को अंजाम देने वाले सभी चार बदमाशों ने यह राजफास किया। पुलिस ने उन्हें शनिवार की रात गिरफ्तार किया। पूछताछ में बदमाशों ने अपना जुर्म कबूलते हुए बताया कि यह हत्या उन लोगों ने शहर कोतवाली के सेमरा (महराजगंज) निवासी फौजी अरविंद यादव के कहने पर की थी। बल्कि हत्या के लिए अरविंद यादव ने ही उन्हें असलहे भी उपलब्ध कराए थे।

गिरफ्तार बदमाशों को पुलिस कप्तान रामबदन सिंह ने अपने ऑफिस में रविवार की दोपहर मीडिया के सामने पेश किया। बदमाशों में प्रेम यादव उर्फ प्रिंस निवासी मुड़वल थाना नंदगंज के अलावा राहुल यादव, सोनू यादव तथा संदीप यादव था। यह सभी शहर कोतवाली के बीकापुर के रहने वाले हैं।

पुलिस कप्तान ने बताया कि इस वारदात का साजिशकर्ता फौजी अरविंद यादव है जबकि हत्या को अंजाम देने में मूख्य भूमिका उसके फुफेरे भाई प्रिंस यादव ने निभाई। वारदात के लिए प्रिंस अपने साथी राहुल यादव, सोनू यादव तथा संदीप यादव को लेकर दो बाइक से मय असलहे मौके पर पहुंचा था। उनमें दो जितेंद्र यादव के घर खलीसापुर के पास खड़े हो गए और जैसे ही बाइक से जितेंद्र यादव घर से अपनी दुकान जंगीपुर के लिए निकला। उन दोनों ने दूर खड़े अपने अन्य साथियों को फोन से बताया। फिर दोनों साथियों ने जितेंद्र को कुछ आगे बढ़ने के बाद पीछे से अपनी बाइक लेकर आए और चलती बाइक से ही जितेंद्र की बांई कनपटी पर गोली मारकर फोर लेन के रास्ते निकल गए थे। उसके बाद जितेंद्र की लोकेशन बताने वाले भी दूसरी राह पकड़ लिए थे।

पुलिस कप्तान ने बताया कि घटना को अंजाम देने वाले बदमाशों में दो की गिरफ्तारी बजरिये मुखबिर फोर लेन हाईवे देवकठिया मोड के पास हुई। फिर उनकी निशानदेही पर शेष दो अभियुक्तों को पकड़ा गया। उनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त मय कारतूस 9 एमएम पिस्टल तथा तमंचा, दो बाइक तथा पांच मोबाइल फोन बरामद हुए। इस मामले में फैजी अरविंद यादव भी मुल्जिम बनेगा। फिलहाल वह राजस्थान में तैनात है।

मालूम हो कि जितेंद्र की हत्या के बाद उसके बड़े भाई सुरेंद्र ने तहरीर में दो अज्ञात के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई थी लेकिन तहरीर में उन्होंने जितेंद्र के साले फौजी पर शक जताया था। पुलिस ने उसी एंगल पर विवेचना शुरू की थी।

फौजी अरविंद यादव की बहन किरण की शादी जितेंद्र से साल 2018 में हुई थी लेकिन शादी के बाद पति-पत्नी में पटरी नहीं बैठी। नौबत छुट्टा-छुट्टी पर आ गई। पंचों के कहने पर जितेंद्र ने बतौर हर्जाना छह लाख रुपये किरण के मायके वालों को दिया। बावजूद फौजी अरविंद यादव उसे अपनी किरण संग जितेंद्र की बेइंसाफी माना और एलानिया धमकी दिया कि अगर दोबारा जितेंद्र के माथे सेहरा बंधा तो वह किसी भी दशा में उसे नहीं छोड़ेगा और इसी बीच जब जितेंद्र की दूसरी शादी की बात फाइनल होने की उसे खबर मिली तो उसने जितेंद्र का डेथ वारंट जारी कर दिया।

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