सरहद पर दिवंगत जवान की पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंत्येष्टि

गाजीपुर। नि:संदेह गाजीपुर के लोगों में देश प्रेम का जज्बा और देश के पहरुओं के लिए इज्जत, आदर का भाव कूट-कूट कर भरा है। सोमवार को यह बात फिर साबित हुई। मौका था शादियाबाद क्षेत्र के खुटवां गांव के दिवंगत जवान ओमप्रकाश बिंद (35) की अंतिम विदाई का। उसमें हजारों नर-नारी ने हिस्सेदारी की।
दिवंगत जवान ओमप्रकाश बिंद का पार्थिव शरीर जैसे ही सेना के फूल मालाओं से सुसज्जित वाहन से उनके पैतृक गांव खुटवां लाया गया वैसे ही उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। लोगों के हाथों में तिरंगा लहरा रहा था और सभी देश भक्ति नारे के साथ ही ओमप्रकाश बिंद अमर रहे के नारे लगा रहे थे। पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए भी होड़ लग गई थी।
पुष्पांजलि अर्पित करने वालों में लगभग हर दल के नेता, कार्यकर्ता भी शामिल थे। भाजपा नेताओं में प्रदेश सरकार की राज्य मंत्री डॉ. संगीता बलवंत, पार्टी जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह, मीडिया प्रभारी शशिकांत शर्मा, अच्छेलाल गुप्त, मनोज बिंद, मुरली कुशवाहा, जगदीश सिंह, ओमकार सिंह, पारस बिंद, संतोष सिंह, रामजी बलवंत, संजय बिंद के अलावा एमएलसी प्रतिनिधि पप्पू सिंह, जिला पंचायत प्रतिनिधि पंकज सिंह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनील राम, देवकली ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि उपेंद्र यादव सहित जिला प्रशासन की ओर से ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पवन कुमार मीणा ने पुष्पांजलि अर्पित की।
बड़े भाई ने दी मुखाग्नि
दिवंगत सैनिक ओमप्रकाश बिंद का दाह संस्कार चोचकपुर घाट पर पूरे सैनिक सम्मान के साथ हुआ। मुखाग्नि उनके बड़े भाई रामनरेश बिंद ने दी। उस मौके पर पार्थिव शरीर के साथ आए सैनिकों ने सशस्त्र अंतिम सलामी दी।
लद्दाख के दीवांग सीमा पर थी तैनाती
ओमप्रकाश बिंद 2004 में सेना में भर्ती हुए थे। इन दिनों उनकी तैनाती लद्दाख के दीवांग सीमा पर थी। वहीं बीते शुक्रवार को अचानक उनकी हृदय गति रुक गई। इसकी सूचना मिलने के बाद परिवार में कोहराम मच गया। वह अपने पीछे पत्नी सुमन देवी, दो पुत्र ललित (10) तथा सत्यम (7) सहित दो बड़े भाइयों का भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
…और पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह भी पहुंचे
दिवंगत सैनिक ओमप्रकाश बिंद को अंतिम विदाई देने के लिए सपा के पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह भी वहां पहुंचे थे। पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद उन्होंने कहा कि गाजीपुर की शहीदी धरती ने अपने एक और रणबांकुरे को खो दिया है। उनके साथ बजरंगी बिंद, कमलेश बिंद, ललन सिंह, सुमित सिंह, बृजेश सिंह, तकदीर सिंह आदि भी थे।