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पूर्व मंत्री के विरुद्ध एफआईआऱ, तलाश में घर धमकी पुलिस

गाजीपुर। निःसंदेह विवादों से पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह का चोली दामन का रिश्ता है। ताजा मामला फोन पर धमकी देने का है। इस मामले में जमानियां विधानसभा क्षेत्र के भाजपा सोशल मीडिया प्रभारी अरुण बाबू जायसवाल ने उनके विरुद्ध बुधवार की देर शाम गहमर थाने में एफआईआर दर्ज कराई। इसकी जांच की जिम्मेदारी सेवराई पुलिस चौकी इंचार्ज अशोक कुमार तिवारी को सौंपी गई है। गुरुवार की दोपहर एएसपी ग्रामीण की अगुवाई में पुलिस फोर्स पूर्व मंत्री के पैतृक आवास सेवराई पहुंची थी लेकिन वह नहीं मिले। यह भी इत्तेफाक ही है कि इन्हीं घटनाक्रमों के बीच जमानियां विधानसभा सीट पर पूर्व मंत्री को सपा अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दी है।

अरुण बाबू जायसवाल उसी क्षेत्र के गोड़सरा के रहने वाले हैं। उनका आरोप है कि सोमवार की रात 12.03 बजे उनके फोन पर पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने कॉल किया और धमकी भरे स्वर में भाजपा का प्रचार-प्रसार नहीं करने को कहा। यह भी कहे कि सपा की सरकार बनने पर वह उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसवा देंगे। भाजपा के शीर्ष नेताओं नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ तथा लाल कृष्ण आडवाड़ी को भी अपशब्द कहे। बकौल अरुण बाबू जायसवाल, पूर्व मंत्री की उस धमकी से वह और उनके स्वजन आतंकित, चिंतित हैं।

मजे की बात कि पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह का सार्वजनिक जीवन में कोई स्थाई फोन नंबर नहीं है लेकिन फोन पर किसी न किसी से उनकी बतकही आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती है। अरुण बाबू जायसवाल को भी फोन पर उनकी कथित धमकी की ऑडियो क्लिप खूब वायरल हो रही है। 3.27 मिनट की यह ऑडियो क्लिप एक तरह से भाजपा को बैठे-बिठाए पूर्व मंत्री और उनकी पार्टी सपा के खिलाफ मुद्दा के रूप में मिल गई है। पूर्व मंत्री की राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और भाजपा विधायक सुनीता सिंह तो काफी मुखर हो गई हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री को भाजपा कार्यकर्ता को धमकी देने का जवाब पूर्व मंत्री को मिल जाएगा। उन्हें पता होना चाहिए कि यह उनकी पार्टी सपा की सरकार नहीं है बल्कि भाजपा की सरकार है और योगी आदित्यनाथ के राज में किसी को गुंडई का अधिकार नहीं है। पिछले चुनाव में जमानियां विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने पूर्व मंत्री को नकारा था और इस बार लोग हरा कर उनकी दबंगई, गुंडई की राजनीति पूरी तरह बंद कर देंगे। उनका कहना था कि वह भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी हैं। उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है। श्रीमती सिंह ने बताया कि पूर्व मंत्री का यह कृत्य चुनाव आयोग के भी संज्ञान में आ चुका है। उधर इस मामले में पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह का भी पक्ष लेने के लिए ‘आजकल समाचार’ने उनसे फोन पर संपर्क की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

…और पूर्व मंत्री पर लगी हैं यह धाराएं

भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारी अरुण बाबू जायसवाल की तहरीर पर गहमर थाने में पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह के विरुद्ध दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 504 तथा 506 लगी हैं। ‘आजकल समाचार’ ने इस संबंध में कानूनविदों से चर्चा की। उन्होंने इन धाराओं की व्याख्या करते हुए बताया कि आईपीसी की धारा 504 के तहत जो कोई भी किसी व्यक्ति को उकसाने के इरादे से जानबूझकर अपमानित करता है। इरादतन या यह जानते हुए कि इस प्रकार की उकसाहट उस व्यक्ति को लोकशांति भंग होने या अन्य अपराध कारित होता है तो वह इस धारा के तहत दोषी होगा जबकि, धारा 506 में किसी को धमकी देने को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। लिहाजा पुलिस हालात की नाजुकता समझ आरोपित की गिरफ्तारी कर सकती है लेकिन आईपीसी की इन दोनों धाराओं में अपराध कारित होने पर दो-दो साल की कैद और अर्थदंड का प्रावधान है लिहाजा आरोपित को अदालत में खड़े-खड़े जमानत मिल जाएगी।

यह भी पढ़ें–योगी के मंत्री से बदला लेंगे ओमप्रकाश राजभर !

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