दंपति के हत्यारे बाप और तीन बेटों को उम्र कैद

गाजीपुर। सुहवल थाने के त्रिलोकपुर गांव में हुई युवा दंपति की हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट (दो) के जज दुर्गेश ने बुधवार को आरोपित बाप और तीन बेटों को उम्रकैद के साथ ही अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता अखिलेश सिंह ने पैरवी की।
हत्यारे दुर्गा चौबे तथा उसके पुत्र दिलीप, राकेश तथा बिट्टू चौबे मूलतः सुहवल थाने के ही भगीरथपुर गांव के रहने वाले हैं लेकिन उनका हालिया पता फतेहपुर थाना दिलदारनगर है। इनकी खेतीबारी त्रिलोकपुर अटवल में भी होती है। इस मामले में दुर्गा चौबे का छोटा बेटा सोनू चौबे के अलावा फतेहपुर गांव का ही शंभू यादव तथा नंदू उर्फ नंदजी निवासी पलिया का डेरा थाना दिलदारनगर भी नामजद किए गए थे। सोनू का मामला जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है जबकि मुकदमे की सुनवाई के दौरान शंभू यादव का निधन हो गया और नंदू को न्यायाधीश ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने कुल दस गवाह पेश किए। सभी गवाहों ने अभियोजन के कथानक की पुष्टि की। न्यायाधीश ने बाप और तीन बेटों को सभी धाराओं में दोषी करार दिया और उन्हें आखिरी सांस तक उम्र कैद के साथ ही दुर्गा चौबे तथा बिट्टू चौबे चार लाख 500 रुपये तथा दिलीप चौबे व राकेश चौबे पर चार लाख साढ़े तीस हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया। घटना के बाद वह जमानत पर जेल से बाहर थे।
बहनोई की हत्या में गवाही से चिढ़े थे हत्यारे
यह लोमहर्षक घटना 18 दिसंबर 2009 की रात हुई थी। रामविलास सिंह घर के बाहर मड़ई में अपनी पत्नी शांति सिंह तथा पुत्री पूनम सिंह व बच्चों संग सोए थे जबकि उनके पुत्र कमलेश सिंह घर के बगैर दरवाजे वाले कमरे में और बहू सरोज सिंह बगल के कमरे में सो रही थी। रात करीब पौने तीन बजे अभियुक्तगण मय असलहे धावा बोले और घर में घुसकर कमलेश को गोली मारे। गोली चलने की आवाज पर बहू अपने कमरे से निकली तो वह सब उसे भी गोली मार दिए। जब उन्हें इत्मीनान हो गया कि पति-पत्नी मर चुके हैं तब हत्यारे गरियाते, धमकाते लौट गए। वह सब कमलेश को ही मारने आए थे। दरअसल छह-सात माह पहले उन लोगों ने कमलेश के बहनोई रामनवल सिंह व उनके दोस्त अखिलेश दूबे की बिहार के सीमावर्ती थाना नुआंव (कैमूर) क्षेत्र में हत्या कर दी थी। उस मामले में कमलेश उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई में पैरवी कर रहे थे। उससे वह चिढ़ गए थे।