राज्य कर्मियों का थानों में आर्थिक शोषण प्रशासन को बदनाम करने की साजिशः अंबिका

गाजीपुर। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष अंबिका दूबे पंचायत चुनाव कार्य में कथित लापरवाही के लिए दर्ज एफआईआर को लेकर थानों में राज्यकर्मियों, शिक्षकों के आर्थिक शोषण पर बेहद खफा हैं और इसे जिला प्रशासन को बदनाम करने की साजिश मानते हैं।
परिषद के खजुरिया तिराहा स्थित कैंप कार्यालय में मंगलवार को हुई बैठक में श्री दूबे ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया को कुशलता पूर्वक संपन्न कराने के बावजूद राज्य कर्मियों को कतिपय थानों में बुलाकर एफआईआर की आड़ में धन उगाही करने की सूचना बेहद अफसोसनाक है। यह लोकप्रिय डीएम व एसपी के विरुद्ध गहरी साजिश है। निर्वाचन प्रक्रिया में पूरी निष्ठा और अपनी जान जोखिम में डाल कर योगदान देने वाले राज्य कर्मियों को पुरस्कृत करने के बजाय उन्हें इस तरह हतोत्साहित करना मानवीय संवेदना व कर्मचारी हित के बिल्कुल विपरीत है। ऐसा कर प्रशासन की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
बैठक में पंचायत निर्वाचन कार्य में कोरोना से मारे गए राज्य कर्मियों, शिक्षकों को कोरोना योद्धा घोषित कर उनके आश्रितों को एक करोड़ रुपये के आर्थिक सहयोग और सेवा नियोजित करने की मांग की गई। इस मौके पर उन दिवंगत राज्यकर्मियों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई। बैठक में सर्व सम्मति से यह प्रस्ताव पारित कर चेताया गया कि राज्यकर्मियों, शिक्षकों के हितों को नजरअंदाज किया गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।