बीएसए ने नहीं दिए अपनी चल-अचल संपत्ति के ब्यौरे!

गाजीपुर। शिक्षकों और अपने मातहत अफसरों को विभागीय आदेशों, निर्देशों का वक्त के साथ अनुपालन की नसीहत देने वाले बीएसए श्रवण कुमार इस मामले में खुद कितना गंभीर हैं, इसका अंदाजा विभागीय अपर निदेशक (माध्यमिक) डॉ.महेंद्र देव की ओर से मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक को भेजी गई चिट्ठी से लगता है।
पिछले माह भेजी गई वह चिट्ठी चल-अचल संपत्ति के ब्यौरे को लेकर है। दरअसल प्रदेश शासन के आदेश पर दिसंबर में शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा समूह ख श्रेणी के अधिकारियों से अपनी चल-अचल संपत्ति के ब्यौरे उपलब्ध कराने को कहा गया था लेकिन श्रवण कुमार ने उस आशय के आदेश की रत्ती भर परवाह नहीं की।
अपर निदेशक डॉ.महेंद्र देव ने मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक को भेजी अपनी चिट्ठी में कहा है कि बीएसए से इस संबंध में वह जवाब तलब करें। इस सिलसिले में `आजकल समाचार` ने बीएसए से संपर्क की कोशिश की मगर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। लिहाजा यह नहीं पता चल पाया है कि बीएसए ने अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा दिया है या नहीं लेकिन यह जरूर है कि बीएसए ऑफिस में शिक्षकों के आर्थिक शोषण की शिकायतें प्रायः सुनने को मिलती रहती हैं। कोई हैरानी नहीं कि ऐसी शिकायतें मिलने के बाद ही डीएम एमपी सिंह ने बीएसए ऑफिस में मलाईदार पटल पर अर्से से जमे कलर्कों को इधर-उधर करा दिया था।
हालांकि इस मामले में गाजीपुर में अकेले बीएसए ही नहीं हैं। डॉयट सैदपुर के वरिष्ठ प्रवक्ता उमानाथ भी हैं। उन्होंने भी अपनी चल-अचल संपत्ति के ब्यौरे देने की जरूरत नहीं समझी है।