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सपा को करारा झटका, पूर्व सांसद राधेमोहन ने कहा बाय-बाय

गाजीपुर। सपा को करारा झटका लगा है। पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह ने बुधवार को पार्टी को बाय-बाय कर दिया। शास्त्री नगर स्थित अपने आवास पर मीडिया कर्मियों को आमंत्रित कर उन्होंने यह एलान किया। इस दौरान कई ऐसे मौके आए जब उनके मुंह से और तल्ख स्वर निकले।

इस मौके पर पार्टी में अपने 33 साल के राजनीतिक जीवन में जिले से लगायत शीर्ष नेतृत्व तक से खुद को मिले घात-आघात की वह परत दर परत उधेड़े। हालांकि अपने आगे के राजनीतिक कदम से जुड़े सवालों को वह भरसक टाले। बल्कि यह जोड़े कि अगर वह किसी गैर पार्टी में जाकर यह बात कहते तो शायद समाजवादी साथी उन पर यकीन नहीं करते।

सपा मुखिया अखिलेश यादव पर अंगुली उठाते हुए श्री सिंह ने कहा कि उनके श्रद्धेय अग्रज तेजबहादुर सिंह की खेल जगत में अंतरराष्ट्रीय पहचान थी। कोरोना काल में उनका निधन हुआ लेकिन सपा मुखिया अखिलेश यादव पुछार करना तो दूर उनके लिए ट्विटर पर संवेदना तक नहीं जताना जरूरी नहीं समझे जबकि मुन्ना बजरंगी और विकास दूबे जैसे दुर्दांत अपराधियों की मौत को अपनी ओर से मुद्दा बनाने में वह कोई कोर कसर नहीं छोड़े। इन अपराधियों के लिए अखिलेश यादव की इसी खैरख्वाही का ही नतीजा रहा कि जनता विधानसभा चुनाव में सपा को बहुमत से बहुत दूर कर दी।

विधानसभा चुनाव के दौरान सपा के प्रदेश मुख्यालय में एक वाकये की चर्चा करते हुए राधेमोहन ने बताया कि सपा के तमाम निष्ठावान, वरिष्ठ नेता प्रदेश मुख्यालय में अखिलेश यादव से मिलने की अपनी बारी के इंतजार में हफ्तों से जमे थे जबकि एक दिन मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी उनसे मिलने पहुंचा। अखिलेश यादव गेट पर उसकी अगुवानी के लिए अपने मुख्य सुरक्षाधिकारी को भेजे। वह मुख्य सुरक्षाधिकारी पूरे प्रटोकॉल के साथ अब्बास को मय गाड़ी अंदर लाया और गाड़ी से उतर कर अब्बास सीधे अखिलेश यादव के कक्ष में चला गया। फिर मंत्रणा कर वह उसी अंदाज में सपा मुख्यालय से निकल गया। उसके बाद ही अब्बास मऊ लौटकर सरकार बनने पर मऊ के अधिकारियों के छह माह तक तबादला न कर उनसे हिसाब किताब करने की बात कहा था।

राधेमोहन सिंह प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह, विधायक डॉ.वीरेंद्र यादव और सपा जिलाध्यक्ष रामधारी यादव पर खूब तंज कसे और सांसद अफजाल अंसारी को भी लपेटे। कहे कि अफजाल अंसारी बसपा के सांसद हैं लेकिन न सिर्फ गाजीपुर बल्कि पूरे पूर्वांचल में सपा के नीतिगत फैसलों में वह सीधी दखल देने की हैसियत में हैं और तय है कि एक दिन उन्हीं की तरह निष्ठावान, ईमानदार और शांति प्रिय अन्य समाजवादियों का भी एक दिन धैर्य जवाब देगा।

अपनी लंबी बातचीत में पूर्व सांसद ने कहा कि बीते विधानसभा चुनाव में गाजीपुर की सभी सात सीटों पर सपा की जीत उसकी लोकप्रियता की नहीं बल्कि राजभर वोटों की लामबंदी का नतीजा रही। एक सवाल पर उन्होंने साफ कहा कि एमएलसी चुनाव अभियान में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।

यह भी पढ़ें–भाजपा की ‘रणनीति’ से डरी सपा !

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