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बच्चों के समुचित पोषण के लिए जागरुकता जरूरी

गाजीपुर। बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी है कि उसके जन्म के साथ ही लगातार छह साल तक पौष्टिक, संतुलित आहार और समुचित पालन पोषण का पूरा ख्याल रखा जाए।

सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीएफएआर) के सहयोग से बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तत्वावधान में बुधवार को प्रकाश नगर स्थित होटल अतिथि कांटिनेंटल में आयोजित मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला में यह जानकारी दी। कार्यशाला में मौजूद एसीएमओ मनोज कुमार सिंह ने बताया कि बच्चे के जन्म के बाद शुरुआती छह माह तक मां का दूध आवश्यक है। उसके बाद संतुलित मात्रा में पौष्टिक आहार दिया जाए। साथ ही बच्चे के लिए स्वच्छता और स्वच्छ पेयजल पर भी विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। समय-समय पर आवश्यक टीके भी जरूरी हैं। बच्चों के नियमित वजन तथा लंबाई भी नापी जानी चाहिए। डीपीओ दिलीप कुमार पांडेय ने कहा कि पोषण हम सभी की आवश्यकता है, लेकिन यह सिर्फ पोषण माह में याद नहीं रखना है। ‘सही पोषण-देश रोशन' को हमें 12 महीने अपनी दिनचर्या में रखना होगा, तभी हम स्वस्थ रहेंगे और आने वाली किसी भी आपदा से डटकर मुकाबला कर सकेंगे।

सीडीओपी जखनियां धनेश्वर राम ने बताया कि गर्भवती महिलाओं में रक्त की कमी की शिकायत आम है जबकि उन महिलाओं और गर्भस्थ शिशु के लिए यह स्थिति जानलेवा हो सकती है। लिहाजा गर्भवती महिला को अपने आहार में रक्त बढ़ाने वाले पदार्थों को शामिल करना चाहिए। मसलन भोजन में पत्तीदार सब्जी, फल, दूध वगैरह।

कार्यशाला में मौजूद पत्रकार अमितेश सिंह, अनिल उपाध्याय ने इस मामले में जागरुकता पर जोर दिया। उनका कहना था कि इसके लिए संबंधित विभागों को मीडिया से बेहतर तालमेल, संवाद बनाने और ऐसी कार्यशालाएं भी नियमित होती रहनी चाहिए।

कार्यशाला का शुभारंभ भाजपा के मीडिया प्रभारी शशिकांत शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर बाल विकास सेवा एंव पुष्टाहार विभाग की गतिविधियों, कार्यों की विस्तार से जानकारी दी गई।

कार्यशाला में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां, धात्रियां भी मौजूद थीं। संचालन सीडीपीओ मरदह राजेश कुमार सिंह ने किया।

यह भी पढ़ें—शम्मी नगर पालिका पर जड़े आरोप

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