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अपराधब्रेकिंग न्यूज

अरुण सिंह इंपैक्टः कुर्था में लूटी पिस्टल बरामद

गाजीपुर। जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन अरुण सिंह की कोशिश का आखिर नतीजा मिला। कुर्था कांड में पुलिस की कहानी पलट गई और लूट की पिस्टल, सीसीटीवी का डीवीआर तथा मोबाइल फोन बरामद हो गया। घटना में इस्तेमाल लोहे का राड भी बरामद हुआ है। पुलिस कप्तान ओमवीर सिंह शुक्रवार को खुद यह जानकारी दिए। यह भी बताए कि घटना में शामिल तीसरे अभियुक्त मनीष कुमार यादव उर्फ टिंकू की गिरफ्तारी के बाद यह कामयाबी मिली है। टिंकू यादव कुर्था गांव का ही रहने वाला है।

पुलिस कप्तान ओमवीर सिंह के अनुसार पूछताछ में टिंकू यादव अपना जुर्म कबूलते हुए बताया कि 26 सितंबर की सुबह वह अपने साथी अनीष यादव तथा विपुल यादव संग बीएसएफ जवान पवन प्रजापति के कुर्था स्थित घर में घुसा था और लोहे की राड से उनकी पत्नी किरन प्रजापति की हत्या कर बक्से में रखी 32 बोर की लाइसेंसी पिस्तौल लूटी थी। पहचान छिपाने की गरज से वह घर में लगी सीसीटीवी के डीवीआर भी खोल कर ले गए थे। मौके से वह एक मोबाइल फोन भी अपने कब्जे में ले लिए थे।

पुलिस की पहली कहानी ऐसे हुई खारिज

मालूम हो कि पुलिस दो अक्टूबर को घटना में शामिल अन्य दो अनीष यादव तथा विपुल यादव को गिरफ्तार की थी। तत्कालीन पुलिस कप्तान रोहन पी बोत्रे उन्हें मीडिया के सामने पेश करते हुए बताए थे कि घटना के बाद अभियुक्त लूटी गई पिस्तौल और सीसीटीवी का डीवीआर गंगा में फेंक दिया था। बल्कि पुलिस कप्तान यह भी बताए थे कि घटना में बस वही दोनों शामिल थे और घटना के वक्त रक्तरंजित हुए उनके कपड़े भी मीडिया को दिखाए थे। उनमें अनीष यादव हाथीखाना और विपुल यादव फाक्सगंज थाना शहर कोतवाली का था।

…पर हजम नहीं हुई थी पुलिस की वह कहानी

तत्कालीन पुलिस कप्तान रोहन पी बोत्रे की जुबानी वह कहानी लोगों के गले नहीं उतरी थी। सांसद अफजाल अंसारी और जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन अरुण सिंह अलग-अलग बयान जारी कर उस पर तार्किक सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि महिला प्रजापति की हत्या जब पिस्तौल लूटने के लिए हुई तब हत्यारे उस पिस्तौल को लूटने के बाद गंगा में क्यों फेंके और घटना के वक्त रक्तरंजित हुए अपने कपड़े सहेज कर क्यों रखे। बल्कि उस सवाल को जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन अरुण सिंह तो मुद्दा बना दिए और इसको लेकर लगातार मुखर रहे। मौजूदा पुलिस कप्तान ओमवीर से मिल कर भी वह इस ओर उनका ध्यान खींचे। यहां तक कि अरुण सिंह अपनी अगुवाई वाली सर्वदलीय संघर्ष समिति की इसी 21 दिसंबर को हुई बैठक में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाए थे। तब कहा जा सकता है कि अरुण सिंह के इस प्रयास के बाद मौजूदा पुलिस कप्तान ओमवीर सिंह फिर से दाखिल दफ्तर हो चुकी किरण प्रजापति हत्याकांड की फाइल पलटवाए और अब लूटी गई पिस्तौल, सीसीटीवी का डीवीआर वगैरह बरामद हुए हैं।

हैरानी यह कि पुलिस अफसरान भी वही

हैरानी यह कि टिंकू यादव की गिरफ्तारी में भी वही पुलिस अफसर शामिल रहे हैं, जो पूर्व पुलिस कप्तान रोहन पी बोत्रे की कहानी के किरदार थे। मतलब शहर कोतवाल तेज बहादुर सिंह तथा स्वाट टीम इंचार्ज रामाश्रय राय। तब इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि पहली कहानी में इन्हीं पुलिस अफसरों ने लोचा किया था। वैसा क्यों किए थे। यह तो वही जानते होंगे। हालांकि तब मृत किरन प्रजापति के पति पवन प्रजापति ने अपने गांव के एक अन्य व्यक्ति के घर के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बताया था कि घटना में कुल चार बदमाश शामिल थे।

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