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कोरोना के प्रचंड वेग को कुछ ही दिन में थाम लेना योगी की बड़ी उपलब्धि मानते हैं अरुण सिंह

गाजीपुर। वरिष्ठ नेता एवं जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन अरुण सिंह कोरोना की दूसरी और प्रचंड वेग को बमुश्किल एक माह में रोक देने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बड़ी उपलब्धि मानते हैं।

अरुण सिंह के पुत्र राज ठाकुर ने बताया कि उनके पिताश्री का मानना है कि कोरोना का प्रचंड वेग पर काबू पाने का श्रेय योगी की कड़ी मेहनत, कुशल प्रबंधन, कारगर रणनीति को दिया जाएगा। राज ठाकुर ने कहा कि इस बात को न उनके पिता बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी स्वीकार किया है। कोरोना के उस संकट काल में योगी आदित्यनाथ न रुके न थके। हवाई मार्ग से लगायत सड़क मार्ग से हजारों किलोमीटर चले। एकदम फ्रंटलाइन के वर्कर की तरह प्रदेश के आधे से अधिक जिलों में वह पहुंचे। वहां भी जहां कोरोना का सबसे ज्यादा असर था। उस दौरे में आमजन, कोरोना संक्रमितों, चिकित्सकों से सीधा संवाद कर जमीनी हकीकत जाने, समझे और जरूरी उपाय कराए। योगी का फार्मुला ट्रिपल टी टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट की हिट रहा। अपेक्षित रिजल्ट मिला।

राज ठाकुर ने अपने पिता की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जन्मदिन पर शुभकामना देते हुए कहा कि ईश्वर उन्हें दीर्घायु रखें। उनकी अगुवाई में आज उत्तर प्रदेश की जिस तरह दिशा-दशा बदल रही है। प्रदेश आमजन संतुष्ट है। सुरक्षित है। अलबत्ता, इससे विरोधी नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं के पेट जरूर मरोड़ रहे हैं। संकट काल में सड़क पर आकर पीड़ितों की मदद करने की अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाने के बजाए वह खुद घर में दुबक कर सोशल मीडिया पर उल्टे योगी आदित्यनाथ को ही नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे हैं। यहां तक कि गिद्धों की तरह गंगा में प्रवाहित शवों पर निगाह लगा कर उसे नाहक मुद्दा बना कर योगी आदित्यनाथ को घेरने का कुत्सित प्रयास किए। इसमें वह यह भी भूल गए कि गंगा में वैसा दृश्य कोई पहला नहीं था। छह साल पहले भी कई ऐसे मौके आए थे जब गंगा की धारा में इतनी संख्या में बहते और किनारे दफन शव दिखे थे।  गंगा के तटीय इलाकों में जल प्रवाह की सदियों पुरानी परंपरा है। वैसे बहैसियत मुख्यमंती योगी ने इस परंपरा को रोकने की ठोस पहल शुरू कर दी है। तय है कि इसके भी सार्थक परिणाम मिलेंगे।

मालूम हो कि अरुण सिंह हत्या के एक कथित मामले में इन दिनों नैनी जेल में निरुद्ध हैं। उनके पुत्र राज ठाकुर ने कहा कि यह मुख्यमंत्री की अति संवेदनशीलता ही कही जाएगी कि कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों का सरकारी खर्चे पर पालन-पोषण के साथ ही पढ़ाई-लिखाई का बेहतर इंतजाम कर दिए हैं।

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