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मात्र 31 वोट से मात खाईं पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह की पत्नी अंजना

गाजीपुर। इसी होनी को तो क़िस्मत का लिखा कहते हैं। जीतने का जहां मौक़ा था वहीं मात हुईमंजर भोपाली की यह पंक्तियां बेशक सपा के पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह पर सटीक बैठती हैं। जिला पंचायत की सैदपुर प्रथम सीट से अपनी पत्नी अंजना सिंह को पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ाए। राजनीतिक पंडित तक मान रहे थे कि अंजना सिंह का चुनाव सहजता से निकल जाएगा लेकिन आखिर में जब नतीजा आया तब वह निर्दल सपना सिंह पत्नी पंकज सिंह से मात्र 31 वोट से पिछड़ गईं। अंजना सिंह को कुल 9168 वोट मिले जबकि सपना सिंह 9199 वोट बटोरने में सफल हो गईं।

पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह की पत्नी अंजना सिंह के मैदान में उतरने के कारण पूरे जिले की निगाह इसी सीट पर लग गई थी। राधेमोहन सिंह का यह भारीभरकम राजनीति कद ही है कि चुनाव परिणाम आने के बाद उतनी चर्चा सपना सिंह की जीत की नहीं है, जितनी कि अंजना सिंह की हार की है। इस हार की समीक्षा की जाए तो सबसे बड़ा कारण उनकी बदकिस्मती समझ में आती है। बिल्कुल अंतिम दौर में अंजना सिंह का चुनाव अभियान लगभग बाधित हो गया। उनके जेठ और परिवार के मुखिया तेजबहादुर सिंह तेजू कोरोना संक्रमित होकर चिंताजनक दशा में बीएचयू अस्पताल चले गए। देवर हिरन सिंह अस्वस्थ हो गए। उनका भांजा तक कोरोना की चपेट में आ गया। पूरी पारिवारिक व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई। उसी विपदा के बीच मतदान की तारीख 29 अप्रैल आई। मतदान के ऐन दिन कायदे का प्रबंधन तक नहीं हो पाया और मतदान के दूसरे ही दिन तेजबहादुर सिंह तेजू चल भी बसे।

जिला पंचायत की यह सीट अनारक्षित थी। कुल 43 हजार 870 वोटरों में 29 हजार 791 ने अपने वोट डाले थे। गिनती में एक हजार 710 के वोट अवैध हो गए। कुल दस उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी। इनमें सपना सिंह और अंजना सिंह को छोड़कर शेष आठ की जमानत तक जब्त हो गई। भाजपा की रीता देवी का प्रदर्शन तो लगभग कुछ नहीं रहा। वह मात्र 481 वोट पाकर नीचे से दूसरे स्थान पर रहीं। अन्य उम्मीदवारों में बृजेश दो हजार 914, जितेंद्र एक हजार 932, गीता देवी एक हजार 862, चिंता देवी 909, बाबूराम 740, कुमारी आंचल 689 और शशिकला को 177 वोट मिले। नवनिर्वाचित सपना की अवस्था 30 साल की है। अन्य उम्मीदवारों में वह न सिर्फ पढ़ाई लिखाई (एमए) में बल्कि धनसंपदा में भी वह सब पर भारी रहीं। तीन करोड़ की अचल संपत्ति के अलावा उनके पास 60 लाख की चल संपत्ति भी है। इस जीत के बाद जिला पंचायत चेयरमैन की कुर्सी पर बैठने का अब उनका सपना है।

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