अखिलेश यादव अपनी कम सुनाए, पार्टीजनों की सुने ज्यादा

गाजीपुर। पार्टी के प्रदेश मुख्यालय लखनऊ में रविवार को तलब गाजीपुर के नेताओं, कार्यकर्ताओं संग बैठक कर सपा मुखिया अखिलेश यादव उनकी बात पूरी धैर्यता से सुने और नसीहत देते हुए एकजुट होकर गाजीपुर जिला पंचायत चेयरमैन चुनाव में पार्टी उम्मीदवार को जीताने को कहे। जिला पंचायत चेयरमैन चुनाव में पार्टी उम्मीदवार कुसुमलता यादव की जीत सुनिश्चित करने के नेताओं, कार्यकर्ताओं के वादे के साथ बैठक खत्म हुई। बैठक के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष मौजूद नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों से अलग कमरे में एक-एक कर मिले। उनसे जिला पंचायत चेयरमैन चुनाव को लेकर फीड बैक लिए।
बैठक की शुरुआत प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के उद्बोधन से हुई। उसके बाद गाजीपुर जिलाध्यक्ष रामधारी यादव बोले। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत सदस्य चुनाव में प्रदेश मुख्यालय से मिले हर निर्देश का उन्होंने पालन किया और आगे भी वह इसी तरह पार्टी के लिए जुटे रहेंगे। फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बोले। कहे कि गोलबंदी खत्म करें। आपस में एक दूसरे को नीचा दिखाना छोड़ें और एकजुट होकर गाजीपुर जिला पंचायत चेयरमैन चुनाव में पार्टी उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करें। इस मौके पर अखिलेश यादव अपनी सरकार के काल में गाजीपुर में हुए विकास कार्यों का भी जिक्र किए। इसक्रम में सिधौना से लगायत फखनपुरा तक का नाम भी लिए।
उसके बाद नेताओं, कार्यकर्ताओं ने अपनी बातें रखी। लगभग सबके निशाने पर गाजीपुर के ‘दिग्गज’ नेता और जिला नेतृत्व समूह था। पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह और पूर्व ब्लॉक प्रमुख विजय यादव ने जिला पंचायत सदस्य चुनाव के टिकट बंटवारे में भेदभाव का आरोप लगाते हुए जिला नेतृत्व समूह को सवालों के कठघऱे में खड़ा किए। वरिष्ठ नेता मुन्नन यादव ने मंचासीन गाजीपुर के नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि बस यह लोग अपने में सुधार लाएं। तब सब कुछ स्वतः ठीक हो जाएगा। बैठक में मौजूद नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों ने तो यहां तक बताया कि उनके चुनाव के करीब एक माह बाद तक पार्टी के किसी वरिष्ठ और पदासीन नेता ने चेयरमैन चुनाव के लिए पार्टी अभियान के बाबत उनसे चर्चा करने की भी जरूरत नहीं समझी। बैठक में लगभग सभी ने माना कि जिला पंचायत चेयरमैन चुनाव का नतीजा अगले साल विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी को दम देगा।
खचाखच भर गया था सभागार
अखिलेश यादव के कमान संभालने के बाद गाजीपुर के पार्टीजनों के लिए यह पहला मौका था जब जिला नेतृत्व समूह सहित सारे दिग्गज एक साथ इस तरह प्रदेश मुख्यालय में तलब थे। इसको लेकर पार्टी के सामान्य कार्यकर्ता तक में कौतूहल था। शायद यही वजह थी कि जिला नेतृत्व समूह, दिग्गजों और 28 नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों के अलावा अति उत्साही कार्यकर्ता भी बैठक में पहुंच गए थे। आलम यह था कि सभागार खचाखच भर गया था। अतिरिक्त कुर्सियां लगवानी पड़ीं। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जिलाध्यक्ष, पूर्व सांसद, पूर्व जिलाध्यक्ष, विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व एमएलसी वगैरह को अपने साथ मंच पर जगह दिलवाई थी।
…और सोने लगे ‘पप्पू’
बैठक में जब गहन चर्चा चल रही थी तो मंचासीन पूर्व एमएलसी विजय यादव खर्राटे भर रहे थे। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उन्हें नोटिस में लेते हुए कहा-यह लो! पप्पू तो सोने लगा। उनकी इस बात पर सभागार में हंसी के फौव्वारे फूट पड़े। दरअसल विजय यादव पार्टी के पूर्वांचल में कभी स्तंभ रहे स्व. रामकरन दादा के ज्येष्ठ पुत्र हैं। उनका पारिवारिक संबंध रहा है। संभवतः बैठक के वक्त अखिलेश यादव को विजय यादव के छोटे भाई जयसिंह पप्पू का ही नाम याद आया हो।
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