फसल नहीं आग लगेगी बदलाव में: गाजीपुर में SALE एग्री कमोडिटीज लिमिटेड ने फसल अवशेष प्रबंधन पर किया जागरूकता सेमिनार

गाजीपुर। फतेहुल्लाहपुर स्थित SALE एग्री कमोडिटीज लिमिटेड परिसर में सोमवार को एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विषय था “फसल अवशेष प्रबंधन”, जिसे पी. जी. कॉलेज, गाजीपुर के बी.एससी. (कृषि) VII सेमेस्टर के छात्रों की ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव योजना (RAWE) के अंतर्गत आयोजित किया गया।
सेमिनार का उद्देश्य था किसानों और छात्रों को पराली जलाने की समस्या, उसके पर्यावरणीय प्रभाव, और उसके विकल्पों की व्यवहारिक जानकारी देना।
सेमिनार की शुरुआत कंपनी के प्रबंधक श्री प्रिंस गक्खर ने स्वागत भाषण से की। उन्होंने कहा:
“पराली जलाने की परंपरा अब हमारे पर्यावरण और कृषि भूमि के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है। SALE एग्री कमोडिटीज किसानों के साथ मिलकर इस चुनौती का समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है।”
डॉ. जी. सिंह (प्रोफेसर, पी. जी. कॉलेज) ने सेमिनार में वैज्ञानिक तरीके जैसे हैप्पी सीडर, सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, बायोएंजाइम्स, कम्पोस्टिंग तकनीक, और बायोचार निर्माण की जानकारी दी। उन्होंने पराली से उत्पन्न कार्बन उत्सर्जन और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले खतरों को भी रेखांकित किया।
एच. आर. अधिकारी हिमांक यादव ने बताया कि पराली से उत्पन्न धान की भूसी, गन्ने की खोई, और सरसों की तूड़ी जैसे अवशेषों का उपयोग करके बिजली उत्पादन किया जा सकता है — जो एक कम लागत वाली स्वदेशी तकनीक है।
स्थानीय किसान श्री छोटेलाल ने पराली से जैविक खाद बनाने के अपने अनुभव साझा किए, वहीं महिपाल सिंह भोज ने सरकारी सब्सिडी योजनाओं और तकनीकी प्रशिक्षण की जानकारी दी।
कार्यक्रम के समापन पर छात्रों ने पराली न जलाने की शपथ ली और वैज्ञानिक तकनीकों के साथ फसल अवशेषों के पुनः उपयोग का संकल्प लिया। कंपनी के प्रतिनिधियों ने आश्वस्त किया कि SALE एग्री कमोडिटीज लिमिटेड किसानों के साथ मिलकर पर्यावरणीय संतुलन के साथ खेती को आगे बढ़ाने के लिए सतत प्रयासरत रहेगी।
इस अवसर पर डॉ. शिव शंकर सिंह यादव, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. सुधीर कुमार सिंह, डॉ. पीयूष कांत सिंह, विपुल उपाध्याय, डी. के. शर्मा, दिनेश यादव, संजीव कांबोज समेत बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन कम्पनी के एच. आर. हिमांक यादव ने किया।