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हाईकोर्ट की दखल के बदा बीएड, बीटीसी कॉलेजों की हड़ताल खत्म, 21 से पठन-पाठन होगा शुरू

गाजीपुर। इलाहाबाद हाईकोर्ट की दखल के बाद बीएड, बीटीसी के निजी कॉलेजों की हड़ताल खत्म हो गई। स्ववित्त पोषित महाविद्यालय एसोसिएशन की शनिवार को खाकी बाबा सिद्धार्थ महाविद्यालय, दुबाइन पोखरा यूसुफपुर में हुई बैठक में यह निर्णय हुआ।

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मालूम हो की प्रदेश शासन ने चार अक्टूबर को आदेश दिया था कि तीन सदस्यीय उच्य स्तरीय कमेटी कॉलेजों की भूमि, भवन, शिक्षकों की संख्या के साथ ही छात्रवृत्ति वगैरह की भौतिक जांच करेगी। शासन के उस आदेश पर कॉलेज प्रबंधकों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए हड़ताल का एलान कर दिए थे। हालांकि बीएड के एडमिशन का काम जारी रखे लेकिन अन्य शैक्षणिक काम पूरी तरह ठप कर दिए। प्रबंधकों का कहना था कि उनके कॉलेज को एनसीटीई से मान्यता मिली है। लिहाजा प्रदेश शासन को इस तरह की जांच का कोई अधिकार नहीं है। एनसीटीई बगैर मानक पूर्ण कराए मान्यता नहीं दी है।

इस मुद्दे को लेकर एसोसिएशन ऑफ माइनॉरिटीज एजुकेशन इंस्टिट्यूशन हाईकोर्ट में चला गया। न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रदेश शासन सिर्फ उन कॉलेजों में छात्रवृत्ति की जांच का अधिकारी है।

स्ववित्त पोषित महाविद्यालय एसोसिएशन की बैठक में हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत किया गया। साथ ही बीएड व डीएलएड को इस सत्र की छात्रवृत्ति नहीं देने के सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करने और डीएलएड का सत्र शीघ्र शुरू करने की मांग की गई। इसके लिए सरकार को पत्र प्रेषित करने का निर्णय हुआ। बैठक में विश्वविद्यालयों की कार्य परिषद में एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को भी जगह देने, विश्वविद्यालय के लंबित परीक्षा फल शीघ्र घोषित करने की भी मांग उठी। इन मांगो के लिए एसोसिएशन के संरक्षक अशोक कुमार सिंह पप्पू को अधिकृत किया गया कि वह विश्वविद्यालय के चांसलर राज्यपाल को पत्र प्रेषित करेंगे। बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार सिंह, उपाध्यक्ष सत्यप्रकाश यादव पप्पू, आलोक यादव, उमेश यादव, सचिन यादव, राहुल यादव, डॉ. सत्येंद्र बब्लू आदि थे।

गाजीपुर में कुल 116 बीएड कॉलेज हैं। इनमें मात्र एक पीजी कॉलेज एडेड है जबकि शेष स्ववित्त पोषित कॉलेज है। सभी कॉलेजों को मिलाकर बीएड की कुल 11 हजार 600 सीट है।

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