हद है! सफाई कर्मी संभाल रहे एडीओ पंचायत का दफ्तर, मामला कासिमाबाद का

गाजीपुर। पदः सफाई कर्मी। कार्यस्थलः एडीओ पंचायत दफ्तर। कार्यः सफाई कर्मियों का पे रोल बनाना।
यह मामला है कासिमाबाद ब्लाक का। ब्लाक की ग्राम पंचायत खजुहां में सफाई कर्मी के रूप में अशोक कुमार तथा आंशु कुमार यादव की स्थाई नियुक्ति है लेकिन दोनों वहां जाने के बजाए पिछले करीब छह साल से ब्लाक मुख्यालय स्थित एडीओ पंचायत का दफ्तर संभाल रहे हैं। दफ्तर में उनकी भाव भंगिमा ऐसी रहती है कि कोई भी यही मान लेगा कि वह अदने सफाई कर्मी नहीं बल्कि दफ्तर के हेड क्लर्क नहीं तो कम से कम क्लर्क जरूर होंगे। अब उनके काम के अंदाज की बात। दूसरे सफाई कर्मियों के पे-रोल बनाने की फीस 100 रुपये। ट्रांसफर, पोस्टिंग की कार्यवाही पूरी करने की फीस 500 रुपये।
डीएम साहब! क्या सजेगा भगवान राम का दरबार
उन दोनों सफाई कर्मियों का यह काला चिट्ठा किसी और ने नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश ग्रामीण पंचायत सफाई कर्मचारी संग के ब्लाक अध्यक्ष अनिल कुमार ने लगाया है। उनका कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए तत्कालीन डीपीआरओ अनिल सिंह से शिकायत की गई। उन्होंने उन दोनों सफाई कर्मियों को मूल पद पर भेजने का आदेश दिया था मगर कुछ नहीं हुआ।

…और प्रभारी बीडीओ कहिन
इस गंभीर मामले में ‘आजकल समाचार’ ने कासिमाबाद के प्रभारी बीडीओ किशोर कुमार सिंह से संपर्क किया। उन्होंने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि अव्वल तो सफाई कर्मी का काम सफाई का है। हां! दफ्तर में जरूरत पड़ने पर कार्यहित में कभी एक-दो दिन के लिए सफाई कर्मियों को बुला लिया जाता है। फिर उन्हें उनके मूल कार्यस्थल पर लौटा दिया जाता है।