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सुकून की खबर, गाजीपुर में दम तोड़ रहा कोरोना!

गाजीपुर (राहुल पांडेय)। सुकून की खबर है। कोरोना दम तोड़ने लगा है। कम से कम गाजीपुर की स्थिति तो यही है। संक्रमण की दर में लगभग हर रोज अप्रत्याशित गिरावट दर्ज हो रही है।

कोरोना की पहली केस पहली अप्रैल को शहर के महुआबाग में मिली थी। फिर दो अप्रैल को उसी इलाके में और दो संक्रमित मिले थे। इत्तेफाक ही था कि वह सभी संक्रमित तबलीगी जमात से जुड़े थे और अपने मरकज दिल्ली से लौटे थे। उसके बाद तो संक्रमितों के सामने आने का सिलसिला शुरू हो गया था। फिर तो रफ्तार तेज हो गई और जुलाई-अगस्त में इसका आंकड़ा तेजी से ऊपर पहुंच गया। सीएमओ ऑफिस की ओर से बुधवार को उपलब्ध कराए गए आंकड़े के मुताबिक अब तक गाजीपुर में चार हजार 308 लोग संक्रमित हो चुके हैं।

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रोज की संख्या में गिरावट

जुलाई-अगस्त में संक्रमितों के मिलने का प्रतिदिन का औसत 80-100 का था, लेकिन अब यह संख्या 20-10 पर आ गई है। हालांकि कोरोना से जनक्षति भी कम नहीं हुई है। अब तक 62 लोग जान गंवा चुके हैं। कोरोना संक्रमण की रफ्तार में अप्रत्याशित गिरावट से उत्साहित एसीएमओ उमेश कुमार बताते हैं कि कोरोना संक्रमण की जांच में कोई ढिलाई नहीं बरती जा रही है। पहले की ही तरह हर रोज एक हजार से अधिक लोगों की जांच हो रही है। इसके लिए जगह-जगह कैंप लग रहे हैं। वह बताते हैं कि रिकवरी रेट भी उत्साहजनक है। यह रेट करीब 90 फीसद पहुंच चुकी है।

…और संक्रमण दर में गिरावट का यह है कारण

संक्रमण दर में गिरावट के कारण की चर्चा पर एसीएमओ उमेश कुमार कहते हैं-अव्वल तो समय रहते सरकार की ओर से लॉकडाउन की घोषणा है। फिर सरकार का कोरोना पर अंकुश के लिए प्रभावी मुहिम चलाना। उसके तहत जांच की रफ्तार बढ़ाने के साथ ही संक्रमितों को आइसोलेट कर कोरोना के फैलाव को रोका जाना। इसमें जनसहयोग को भी खारिज नहीं किया जा सकता। आमजन जागरूक हो गया। कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन लोग स्वतः करने लगे। मसलन मास्क लगाने, शारीरिक दूरी रखने, बार-बार हाथ धोने को ज्यादातर लोगों ने अपनी रोज की आदत में शामिल कर लिया। वहीं संक्रमण दर घटने के कारण की चर्चा पर सिंह लाइफ केयर हॉस्पिटल, जमानियां मोड़ के निदेशक डॉ.राजेश सिंह कहे-मेडिकल साइंस मानता है कि कोई भी वायरस संक्रमण की रफ्तार जिस गति से बढ़ती है। उसी गति से घटती भी है। कोरोना का मामला भी ऐसा ही है।

…पर बेफिक्र न रहें

निःसंदेह कोरोना की चाल थम रही है मगर इसका मतलब यह नहीं कि इसको लेकर बेफिक्र भी हो जाया जाए। डॉ.राजेश सिंह की मानी जाए तो यह मानना जल्दबाजी होगी कि कोरोना का खतरा एकदम से टल गया है जबकि कुछ देशों से यह खबरें आ रही हैं कि वहां ठंड का मौसम शुरू होने के साथ ही कोरोना वायरस फिर से सिर उठाने लगा है। उस दशा में यह नहीं भूलना है कि अपने यहां भी ठंड का मौसम दस्तक देने ही वाला है। तब बेपरवाही की गुंजाइश का मौका नहीं देना है।

 

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