वायरल मीम और सधे बयान ने भाजपा के भीतर मचाया सियासी घमासान, दिल्ली तक पहुंची ज़मीन की गूंज

भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य रामतेज पांडेय ने कहा :
“गाजीपुर से जब धारा 370 हटेगा, तभी भाजपा का उदय होगा।”
ये शब्द अब सिर्फ बयान नहीं, बल्कि एक चेतावनी बन गए हैं — पार्टी के भीतर के असंतोष, उपेक्षा और नेतृत्व को लेकर गहराती खाई का आईना।
बयान के ठीक बाद जो मीम वायरल हुआ, उसने इस पूरे मुद्दे को और भड़का दिया।
तस्वीर में केंद्रीय स्तर के बड़े नेता और एक शक्तिशाली प्रशासक साथ बैठे दिख रहे हैं — और मीम का मजमून जैसे चिंगारी पर घी :
“चचा जब बोलते हैं तो सब लोग सुनते हैं
और जब चचा न बोले तो मैटर गंभीर है
और कुछ लोग गाज़ीपुर से 370 खत्म करने की बात कर रहे हैं
अब के समझावे जाए?”
सोशल मीडिया पर इस मीम ने भूचाल ला दिया — पार्टी के अंदर ही अंदर दबी आवाज़ों को एक चेहरा मिल गया।
नाम नहीं, लेकिन निशाना सीधा – सियासत जानने वालों ने पकड़ लिया संदेश
इस बयान ने संकेतों में ही बहुत कुछ कह दिया — और यह कहने में संकोच नहीं कि सियासत के जानकार इसे एक खास चेहरे की कार्यशैली, दखल और प्रभाव की प्रतिक्रिया के रूप में देख रहे हैं।
ग़ाज़ीपुर की ज़मीन बोल रही है – “सम्मान नहीं, तो संघर्ष तय है”
पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराज़गी अब खुलकर सामने आ रही है।
जमीनी नेता हाशिये पर हैं, और फैसले ऊपर से थोपे जा रहे हैं — यही दर्द अब आवाज़ बन चुका है।
एक स्थानीय नेता का तीखा तंज:
“ग़ाज़ीपुर में अब कमल तभी खिलेगा, जब जड़ों को पानी मिलेगा… सिर्फ पोस्टर से खेत नहीं लहलहाते।”
दिल्ली से दूर ये ज़मीन, लेकिन संदेश बहुत पास
ग़ाज़ीपुर में जो हो रहा है, वो सिर्फ एक ज़िले की सियासी कहानी नहीं — यह एक बड़ा संकेत है कि भाजपा के अंदर बदलाव की ज़रूरत महसूस की जा रही है।
और अगर नेतृत्व ने इसे न सुना, तो आने वाले चुनावों में यह सिर्फ ग़ाज़ीपुर तक सीमित न रहेगा।