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रेलवे का ग्रिन एनर्जी को लेकर यह है ब्लू प्रिंट

गाजीपुर (सुजीत सिंह प्रिंस)। एनईआर रेलवे जोन के गाजीपुर में 100 इलेक्टिक इंजन के मेंटेनेंस क्षमता वाला लोको शेड जल्द ही शुरू हो जाएगा। इस निर्माणाधीन लोको शेड का एनडीए-1 में केंद्रीय रेल राज्यमंत्री रहे मनोज सिन्हा ने दो साल पहले शिलान्यास किया था। एनईआर रेल जोन के इस ड्रिम प्रोजेक्ट को साल 2020 में बनकर तैयार होना था, लेकिन कोरोना के कारण अब यह मार्च 2021 तक तैयार हो पाएगा।

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सैदपुर भीतरी रेलवे स्टेशन के करीब बन रहे इस लोको शेड पर करीब 99 करोड़ का अनुमानित खर्च आएगा। यह लोको शेड उच्चतम तकनीक से लैस होगा। 12 एकड़ की भूमि में बनने वाले यार्ड में करीब 100 एसी विद्युत इंजन का मेंटेनेंस एक बार में किया जा सकेगा। लोको शेड का निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड की देखरेख में कराया जा रहा है। इस योजना को पूरा करने के लिए 21 महीने की अवधि का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन कोरोना के कारण तय समय अवधि में इस को पूरा नहीं किया जा सका।

इस योजना के बारे में एनईआर के वाराणसी डिवीजन के डीआरएम विजय कुमार पंजियार ने एनबीटी ऑनलाइन को बताया कि रेल अपनी योजनाओं को आगे की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्लान करती है। हर इंजन को तय मानकों के अनुसार समय-समय पर मेंटेनेंस की जरूरत पड़ती है। इस लोको शेड के निर्माण के बाद ज़्यादा बिजली से संचालित लोको इंजन का मेंटेनेन्स कर पाना संभव होगा।

गोंडा- गोरखपुर के बाद जोन का यह तीसरा लोको शेड होगा। रेलवे ज्यादा से ज्यादा रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन को प्रयोग में लाने के लिए सुनियोजित योजना के तहत सभी रेल मार्ग का इलेक्ट्रिफिकेशन जल्द से जल्द करना चाहती है। इसके पीछे यह कारण भी है कि डीजल इंजन बिल्कुल भी पर्यावरण हितैषी नहीं है और इन पर खर्च भी बहुत आता है। इसकी तुलना में बिजली से संचालित इंजन के बहुआयामी लाभ है। रेलवे अपने योजनाओं को कोरोना काल में हुए निर्माण में देरी को, काम में तेजी लाकर भरपाई करना चाहती है। इसी क्रम में पिछले दिनों जोन के अधिकारियों ने एनईआर के जीएम और डीआरएम के साथ लोको शेड का निरीक्षण भी किया।

 

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