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रिश्वतखोर पूर्व ग्राम प्रधान पर कसने लगा शिकंजा

ग़ाज़ीपुर(यशवंत सिंह)। बराबर सुर्खियों में रहे बाराचवर ब्लॉक के पूर्व ग्राम प्रधान टोडरपुर मुन्ना राजभर पर शिकंजा कसने लगा है। विकास कार्यों में गड़बड़ी को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर जांच के लिए डीएम की ओर से नामित पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी नरेंद्र विश्वकर्मा सोमवार को ग्राम पंचायत में पहुंचे थे।

जांच के क्रम में कुछ जगह हुए खड़ंजा कार्य, हैंडपंपों के रिबोर, सोलर लाइट वगैरह को जांच अधिकारी देखे। कई जगह गड़बड़ियों की पुष्टि हुई। यही नहीं बल्कि संबंधित अभिलेखों में भी गड़बड़ झाला स्पष्ट मिला। अभिलेखों कई जगह व्हाइटनर का प्रयोग कर नाम, स्थल में बदलाव किया गया था। एक जगह सोलर लाइट के बदले सिर्फ उसकी पाइप मिली। कई कार्यों के बाबत सवाल पर पूर्व ग्राम प्रधान यही कहते रहे कि वह कार्य कराए ही नहीं गए हैं। तब सवाल खुद ही खड़ा हुआ कि उस मद की धनराशि कहां गई।

जांच अधिकारी ने मौके पर मीडिया को मिली गड़बड़ियों के बाबत फिलहाल जानकारी देने से साफ मना कर दिया। वह बस यही कहे कि विकास कार्यों के एमवी से मिलान के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

सात माह बाद जांच हुई शुरू

ग्राम पंचायत में विकास कार्यों में गड़बड़ी की शिकायत के बाद भी अधिकारियों ने जब कुछ नहीं किया तब ग्राम पंचायत के जागरूक ग्रामीण रजनीश मिश्र ने हाइकोर्ट में रिट दाखिल की। हाइकोर्ट ने जुलाई 2020 में जांच का आदेश दिया। उसके बाद ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी ने जांच को रोकने का भरसक प्रयास किया। उसके लिए अभिलेखों को जांच अधिकारियों को सौंपने में हीलाहवाली की जाने लगी। फिर अभिलेखों से छेड़छाड़ भी की गई।

जांच से संतुष्ट नहीं शिकायतकर्ता

शिकायतकर्ता रंजीत मिश्र से जब मीडिया कर्मियों ने बात की तो उन्होंने कहा कि वह इस जांच से संतुष्ट नहीं हैं। जरूरत पड़ी तो वह दोबारा हाईकोर्ट का रुख करेंगे। उधर पूर्व ग्राम प्रधान मुन्ना राजभर मीडिया से बात करने से भागने लगा। कुरेदने पर बस वह यही कहा कि उसने पूरा कार्य कराया है। बल्कि आए धन से अधिक का विकास कराया गया है।

रिश्वत मांगने का वीडियो हुआ था वायरल

मालूम हो कि यह वही मुन्ना राजभर है जिसका आवास योजना के नाम पर गांव की ही एक महिला से रिश्वत मांगने का वीडियो वायरल हुआ था। उसके बाद प्रभारी मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल खुद उस वीडियो की सत्यता जानने के लिए ग्राम पंचायत में आए थे और ग्रामीणों को आश्वस्त किए थे कि दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी। मुन्ना राजभर पहली बार तब सुर्खियों में आया था जब मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत गरीब कन्याओं का उसने विवाह समारोह आयोजित कराया था। उसके बाद तो समाज कल्याण विभाग ने उसे इस योजना का एक तरह से ब्रांड एंबेसडर बना दिया। उसके संयोजकत्व में कई ब्लाकों में सामूहिक विवाह समारोह आयोजित हुए।

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