रामतेज पांडेय का बिगुल: अपने ही सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे पूर्व प्रदेश मंत्री, बोले – भाजपा के भीतर पल रहे दलाल, गाजीपुर को खा रहे दीमक की तरह!

गाजीपुर/सैदपुर, 16 जून 2025 |
देश ने शहीदों को याद करने का दिन चुना था।लेकिन गाजीपुर ने एक और शहादत देखी — भ्रष्टाचार के खिलाफ़ एक सच्चे सिपाही की राजनीतिक आत्मबलि।
भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री रामतेज पांडेय ने आज अपने ही दल की सरकार के खिलाफ़ धरना देकर इतिहास रच दिया।
उनकी ललकार सिर्फ मंच पर नहीं, अब सड़क पर है — और उसका लक्ष्य है गाजीपुर में फलता-फूलता बेलगाम भ्रष्टाचार।
“दलालों ने भाजपा को बंधक बना लिया है, अब यह लड़ाई आरपार की है” — रामतेज पांडेय
धरना स्थल पर जनसैलाब से घिरे पांडेय जी ने कहा:
“मोदी-योगी की सरकार ईमानदार है, लेकिन भाजपा के भीतर कुछ ऐसे दलाल घुस आए हैं, जो अधिकारियों से मिलकर गाजीपुर को शर्मसार कर रहे हैं। आज हर फाइल, हर नियुक्ति, हर कार्य — रिश्वत की शर्त पर होता है। यह सब अब बर्दाश्त नहीं।”
उन्होंने चेतावनी दी —
“अगर यह व्यवस्था नहीं बदली, तो अगला आंदोलन जिला मुख्यालय से लेकर लखनऊ तक गूंजेगा।”
गाजीपुर की धरती से फिर उठी ‘क्रांति' की चिंगारी
पांडेय जी ने याद दिलाया —
“जिस धरती से कभी अंग्रेजों के खिलाफ़ विद्रोह शुरू हुआ था, अब उसी धरती से भ्रष्टाचार के खिलाफ़ एक नया स्वतंत्रता संग्राम शुरू हो रहा है।”
🔥 शहीद की पुण्यतिथि बनी जनक्रांति की ज्वाला
इस आंदोलन की चिंगारी 15 जून को बिरनो में शहीद कमलेश सिंह की पुण्यतिथि पर दिखी, जब भाजपा नेताओं की जुबानी तलवारें खिंच गईं।
पूर्व जिलाध्यक्ष कृष्ण बिहारी राय ने मंच से खुलेआम कहा:
“जिनके साथ एक मिनट खड़ा होना पसंद नहीं, आज उनके साथ खड़ा हूं — शहीद की आत्मा के लिए।”
यह बयान नहीं, एक सार्वजनिक तमाचा था — भाजपा की अंदरूनी गुटबाज़ी और मतलबी राजनीति के चेहरे पर।
गाजीपुर की ‘धारा 370' — क्या भाजपा को खुद से लड़ना होगा?
पांडेय जी पहले ही कह चुके हैं:
जब तक गाजीपुर से मानसिक धारा 370 नहीं हटेगी, भाजपा का असली उदय नहीं होगा !
आज का धरना उसी धारा 370 के खिलाफ़ एक जनसंघर्ष था —
भाजपा के भीतर की जड़ता, दलाल संस्कृति और सत्ता की सड़ांध के खिलाफ़।
समाज का समर्थन: वकील, समाजसेवी और आमजन उतरे साथ
धरने में आज गाजीपुर के सम्मानित अधिवक्ता, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता, युवा और किसान शामिल हुए।
“भ्रष्टाचार हटाओ – गाजीपुर बचाओ” के नारों से सैदपुर तहसील गूंज उठा।
अब सरकार क्या करेगी?
- क्या भाजपा रामतेज पांडेय जैसे सच्चे कार्यकर्ता की आवाज़ को सुनेगी या उसे दबा देगी?
- क्या ‘दलाल ब्रिगेड’ के सामने पार्टी की रीढ़ झुक जाएगी?
- क्या शहीद कमलेश सिंह की पुण्यतिथि सिर्फ रस्म बनकर रह जाएगी, या उसका सम्मान एक सच्ची व्यवस्था-परिवर्तन में बदलेगा।