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यूपी बोर्ड: अब डीआईओएस की जगह डीएम की निगरानी में होगा परीक्षा केंद्रों का निर्धारण

गाजीपुर। नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए यूपी बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों की निर्धारण नीति में एक और बदलाव किया है। अब प्रस्तावित केंद्रों के आधारभूत संसाधनों की भौतिक जांच कराने की जिम्मेदारी डीआईओएस नहीं बल्कि डीएम को सौंप दी गई है।

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पहले परीक्षा केंद्रों के निर्धारण के क्रम में विद्यालयों से उपलब्ध आधारभूत संसाधनों के भौतिक सत्यापन का काम डीआईओएस अपने स्तर से कराते थे। तब कई विद्यालयों में उपलब्ध आधारभूत संसाधन और वेबसाइट पर दर्शायी गई उसकी रिपोर्ट में अंतर मिलता था लेकिन अब डीएम तहसीलवार एसडीएम की अगुवाई में कमेटी गठित कर उन विद्यालयों में उपलब्ध आधारभूत संसाधनों का सत्यापन कराएंगे। उस कमेटी में संबंधित तहसील के तहसीलदार तथा ग्रामीण अभियंत्रण सेवा (आरइएस) के सहायक अभियंता और किसी राजकीय विद्यालय के प्रिंसिपल अथवा वाइस प्रिंसिपल बतौर सदस्य होंगे। तहसील स्तरीय टीम की सत्यापन रिपोर्ट को बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।

डीआईओएस ओमप्रकाश राय ने बताया कि बोर्ड की ओर से परीक्षा केंद्रों के निर्धारण कार्यक्रम के तहत विद्यालयों के प्रिंसिपल अपने यहां उपलब्ध आधारभूत संसाधनों की सूचना बोर्ड की वेबसाइट पर पांच दिसंबर तक अपलोड कर देंगे। उसके बाद एसडीएम की अगुवाई वाली तहसील स्तरीय कमेटी 20 दिसंबर तक उन सूचनाओं का भौतिक सत्यापन कर उसकी रिपोर्ट 26 दिसंबर तक बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कर देगी। फिर डीएम की अगुवाई वाली जिला स्तरीय कमेटी उसका सत्यापन करेगी।

बोर्ड ने यह भी कहा है कि जिन विद्यालयों की धारण क्षमता अधिक है और उनका इस साल का परीक्षा परिणाम बेहतर रहा है साथ ही वह परीक्षा केंद्र रहे हैं उन्हें अगले साल की परीक्षा के लिए भी केंद्र बनने का मौका दिया जाएगा।

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