मुख्तार के खास प्रॉपर्टी डीलर गणेश मिश्र के अब मकान की बारी

गाजीपुर। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के खास और शहर के बहुचर्चित प्रॉपर्टी डीलर गणेशदत्त मिश्र के असलहे जब्ती के बाद अब प्रशासन की दृष्टि उनकी ‘अट्टालिका’ पर पड़ गई है और हैरानी नहीं कि उस पर भी बुलडोजर चल जाए।
शहर से बिल्कुल सटे रजदेपुर देहाती स्थित श्रीराम कॉलोनी में उनकी मल्टीस्टोरी निर्माणाधीन बिल्डिंग है। कागज में उनके पिता शिवशंकर मिश्र उसके मालिक हैं। आरोप है कि वह बिल्डिंग मास्टर प्लान के मानकों की अनदेखी कर बनी है। इस मामले में मास्टर प्लान उन्हें नोटिस दिया था। तब वह हाईकोर्ट चले गए थे लेकिन वहां उनको कोई खास राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने मास्टर प्लान के नियत प्राधिकारी एसडीएम सदर को आदेशित किया कि वह याची गणेशदत्त मिश्र के मामले को प्राथमिकता से निस्तारित करें। उस आदेश के तहत एसडीएम सदर ने मामले को निस्तारित करते हुए आदेश दिया कि बिल्डिंग ढहाई जाए। एसडीएम सदर के उस आदेश को गणेशदत्त मिश्र ने डीएम कोर्ट में चुनौती दी। डीएम एमपी सिंह ने उनकी अर्जी स्वीकार करते हुए उस पर सुनवाई के लिए अपनी अगुवाई में बोर्ड गठित कर दी है। यह बोर्ड 23 नवंबर को पहली सुनवाई करेगा।
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इस संबंध में ‘आजकल समाचार’ ने गणेशदत्त मिश्र से रविवार की देर शाम फोन पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि मामला पूरी बिल्डिंग का नहीं है बल्कि बिल्डिंग के दोनों खंडों को विभाजित करने वाली चाहरदीवारी के निर्माण का है। बातचीत में उनका टोन कुछ सियासती था। वह बोले- मैं ब्राह्मण हूं और योगी सरकार नाहक ब्राह्मणों को प्रताड़ित कर रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनका मुख्तार अंसारी से कोई लेना देना नहीं है।
गणेशदत्त मिश्र मुख्तार अंसारी से अपने ताल्लुकात से भले इन्कार करें मगर प्रशासन की फाइलों में उनका नाम मुख्तार अंसारी के गैंग (आईएस-191) के सक्रिय सदस्य के रूप में दर्ज है। यही वजह रही कि बीते सितंबर में डीएम के आदेश पर उनके दो लाइसेंसी असलहों को जब्त कर लिया गया था।