मुख्तार के करीबी मेराज का खैरख्वाह हममजहबी दारोगा लाइन हाजिर

गाजीपुर। योगी सरकार भले ही माफियाओं के नेटवर्क के समूल नष्ट करने में लगी है लेकिन पुलिस महकमे में अपने खैरख्वाहों से माफियाओं को मनचाही मदद मिल जा रही है। ऐसा ही एक ताजा मामला वाराणसी में सामने आया है। वहां के कैंट थाने में तैनात नायब दारोगा वसीमुल्लाह को बुधवार को लाइन हाजिर किए जाने की खबर मिली है।
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नायब दारोगा के खिलाफ यह कार्रवाई कुख्यात माफिया सरगना मुन्ना बजरंगी के कभी अर्थ प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालने वाले और मुख्तार अंसारी के करीबी मेराज खां उर्फ भाई मेराज को आपराधिक मामले में सहूलियत देने के आरोप में हुई बताई गई है।
आरोप है कि नायब दारोगा वसीमुल्लाह ने विवेचक की हैसियत से मेराज खां के खिलाफ दर्ज मुकदमों में शामिल कई गंभीर धाराएं हटाने की कोशिश की। यह मामला संज्ञान में आने के बाद एसएसपी वाराणसी ने मेराज के खिलाफ कैंट थाने में दर्ज मुकदमों की विवेचना दूसरे दारोगा को सौंप दी है। वही वसीमुल्लाह के इस कृत्य की जांच भी शुरू करा दी है।
वाराणसी के पहड़िया क्षेत्र की अशोक विहार कॉलोनी फेज-एक में रहने वाले मेराज के खिलाफ कैंट थाने में चार और उससे पहले जैतपुरा थाने में दो मुकदमे दर्ज हुए थे। मेराज पर फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस बनवाने और फिर उनके नवीनीकरण कराने का आरोप है। साथ ही उस पर अपने चालक व रिश्तेदार के नाम लिए गए लाइसेंसी असलहे खुद रखने का भी मामला दर्ज है।
मालूम हो कि मेराज मूलत: गाजीपुर के करीमुद्दीनपुर थानांतर्गत महेंद गांव की बिचली पट्टी का रहने वाला है। शस्त्र लाइसेंस के फर्जिवाड़ें में उसके विरुद्ध वाराणसी के जैतपुरा थाने में मामला दर्ज हुआ था। उस मामले में फरारी के कारण उसके विरुद्ध गैर जमानती वारंट भी जारी हुआ था। तब वह तीन अक्टूबर को जैतपुरा थाने की सरैया चौकी पर सरेंडर कर जेल चला गया था। इस समय वह वाराणसी की ही चौकाघाट जेल में निरुद्ध है।
गाजीपुर के अपराध जगत की मानी जाए तो वाराणसी पुलिस के नायब दारोगा वसीमुल्लाह से मेराज के पुराने ताल्लुकात हैं। इसके पीछे दोनों का हममजहब होना है।